मध्यप्रदेश में नवंबर की शुरुआत बादलों और फुहारों के साथ: तीन दिन तक बारिश का दौर, 5 नवंबर से ठंडी हवाओं के साथ बढ़ेगी सर्दी

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में नवंबर की शुरुआत इस बार बादलों, हल्की बारिश और ठंडक के साथ हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिन तक इंदौर, भोपाल, उज्जैन, जबलपुर और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में हल्की बारिश का दौर चलेगा। रविवार को इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के करीब 10 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन में बादल छाए रहने के आसार हैं।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में दो निम्न दाब क्षेत्र (Low Pressure Area) सक्रिय हैं, जिनका असर प्रदेश के मौसम पर हल्का रहेगा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि भारी बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन कुछ इलाकों में फुहारें और गरज-चमक के साथ हल्की बारिश जारी रहेगी।

इन जिलों में अगले 24 घंटे में बारिश

मौसम विभाग ने झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में हल्की बारिश की संभावना जताई है। वहीं बाकी जिलों में बादल छाए रहेंगे। भोपाल में शाम या रात के समय बूंदाबांदी हो सकती है।

3 नवंबर से वेस्टर्न डिस्टर्बेंस, बढ़ेगी ठंड

3 नवंबर की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) सक्रिय होने की संभावना है। इसका असर दो दिन बाद यानी 5 नवंबर से मध्यप्रदेश में दिखेगा। इस दौरान ठंडी उत्तरी हवाएं चलने लगेंगी, जिससे दिन का तापमान भी गिर सकता है और प्रदेश में ठंड का असर तेज़ हो जाएगा।

अक्टूबर में 121% ज्यादा बारिश, नवंबर में ठंड का ट्रेंड

अक्टूबर महीना बारिश के मामले में उम्मीदों से कहीं ज्यादा रहा। प्रदेश में सामान्य 1.3 इंच की तुलना में औसतन 2.8 इंच बारिश हुई — यानी 121% अधिक वर्षा। भोपाल में 30 अक्टूबर को दिन का तापमान सिर्फ 24 डिग्री रहा, जो पिछले 25 सालों में अक्टूबर का सबसे ठंडा दिन दर्ज हुआ। उज्जैन, छतरपुर, नरसिंहपुर समेत कई शहरों में भी तापमान 24 डिग्री से नीचे रहा।

इंदौर में 10 साल में दूसरी बार सबसे ज्यादा बारिश

इंदौर में अक्टूबर में 3.4 इंच बारिश दर्ज हुई — जो पिछले 10 सालों में दूसरी सबसे अधिक रही। भोपाल में 2.8 इंच, जबलपुर में 3.3 इंच, ग्वालियर में 4.2 इंच और उज्जैन में 2.1 इंच वर्षा हुई। सबसे ज्यादा बारिश श्योपुर जिले में 6.52 इंच रिकॉर्ड की गई। झाबुआ (5.52 इंच), सिंगरौली (5.35 इंच), सीधी (5 इंच), उमरिया (4.14 इंच), अनूपपुर (4.82 इंच), बड़वानी (4.21 इंच) और भिंड (4.36 इंच) में भी सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हुई। केवल खंडवा ऐसा जिला रहा, जहां बारिश सामान्य से कम रही।

मानसून ने दी ‘हैप्पी एंडिंग’

इस साल प्रदेश में मानसून का प्रदर्शन भी शानदार रहा। भोपाल, ग्वालियर समेत 30 जिलों में “बहुत ज्यादा” वर्षा दर्ज हुई। सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में 65.7 इंच रही, जबकि श्योपुर में सामान्य से 216% अधिक पानी गिरा। अच्छी वर्षा के चलते जलाशय और भू-जल स्तर दोनों बेहतर स्थिति में हैं।

नवंबर में ठंड कैसे बढ़ेगी

मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड का असर तेज़ होगा। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में, जहां उत्तरी हवाएं सीधे पहुंचती हैं, तापमान में तेजी से गिरावट आएगी। इतिहास देखें तो ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज हुआ था, जबकि उज्जैन में 52 साल पहले यह 2.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था।

इस बार नवंबर के पहले सप्ताह में ही हल्की बारिश और दूसरे सप्ताह से बढ़ती ठंड — दोनों का मेल देखने को मिलेगा। यानी मौसम अब धीरे-धीरे सर्दियों की ओर करवट ले रहा है।

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