धार। कड़ी मेहनत और लक्ष्य निर्धारित हो तो क्या नहीं हो सकता। ऐसा ही कुछ धार जिले के छोटे से कस्बे राजगढ़ की माही ने कर दिखाया है। महज 23 साल की उम्र में ही माही ने यूपीएससी की परीक्षा में 106वीं रैंक हासिल की है। इस रैंक के आधार पर वो आईपीएस ऑफिसर बनेगी। कई सालों तक भारतीय सेवा की परीक्षा की तैयारी के लिए माही ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। हालांकि, पहले प्रयास नें माही को संतोषजनक परिणाम नहीं मिले, लेकिन वह हार नहीं मानी। कड़ी मेहनत के बाद माही का दूसरा प्रयास सफल रहा और भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित हो गईं।
माही अपनी सफलता का पूरा क्रेडिट अपने माता-पिता, शिक्षक और गुरू देवेंद्र कुमार सतपुड़ा को देती हैं। बता दें कि 12वीं क्लास से ही माही के गुरु सतपुड़ा ने उनका लक्ष्य निर्धारित कर दिया था। माही ने कहा ‘उन्होंने ही हमें प्रेरित किया कि हम आईएएस की तैयारी करें उसके अनुरूप अपने आपको ढाले। उनके लगातार मार्गदर्शन का ही यह नतीजा है कि आज मैं छोटे से गांव से निकलकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के तहत सेवा देने जा रही हूं। माही के पिता राजेंद्र शर्मा का नए बस स्टैंड पर किराने का छोटा सा व्यावसाय है। राजेंद्र कॉलोनी में रहने वाले इस परिवार में माही की माता गृहिणी है तो वहीं छोटे भाई-बहन अभी पढ़ाई कर रहे हैं। माही के पिता बताते हैं कि मेरी बेटी ने इस मुकाम को अर्जित करने के लिए स्वयं को पूरी तरह से पढ़ाई के प्रति समर्पित कर दिया था। माही के गुरू सतपुड़ा ने कहा कि माही सामान्य परिवार की बच्ची जरूर रही, लेकिन पढ़ाई में कभी समझौता नहीं किया। माही ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी के साथ की थी। वह हमेशा से ही प्रखर वक्त रही हैं। उन्होंने कई नेशनल स्तर पर होने वाली वाद-विवाद प्रतियोगिता में सहभागिता कर खुद को निखारने का प्रयास किया। सतपुड़ा ने कहा कि दिल्ली में अज्ञातवास की तरह रहते हुए पढ़ाई करने वाली माही आज आईपीएस हैं, इससे बड़ी खुशी की बात कुछ और नहीं हो सकती।