कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक में इजरायल के हमास मुद्दे पर बात ना होने के लेकर कई नेता नाराज हैं। वहीं कांग्रेस की यह बैठक जातीय जनगणना और आरक्षण के मुद्दे पर रणनीति बनाने के लिए बुलाई गई थी। हालांकि भाजपा ने खुलकर इजरायल के लिए बैटिंग कर दी है और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों को घेरने का प्रयास किया है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अब आने वाले विधानसभा चुनावों और आम चुनाव में भी भाजपा यह बात जरूर कहेगी कि कांग्रेस ’हमास आतंकियों’ के साथ खड़ी है।
बता दें कि कांग्रेस ने फिलिस्तीन के मुद्दे का हमेशा से समर्थन किया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलकर कह दिया है कि वह हमास के हमले के खिलाफ इजरायल के साथ मजबूती से खड़े हैं। ऐसे में भाजपा का स्टैंड क्लियर है। हालांकि कांग्रेस इस मुद्दे पर बोलने से बच रही है। अगर कांग्रेस ने इजरायल का पक्ष लिया भी तो उसके पुराने रिकॉर्ड पर सवाल उठने लगेंगे। बता दें कि फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन बनाने वाले यासिर आराफात के भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ अच्छे संबंध थे। वह इंदिरा को अपनी बड़ी बहन मानते थे।