जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों पर मुहर लगाई। बैठक के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि कुल 5 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिन पर सरकार ₹52,667 करोड़ का निवेश करेगी।
सबसे बड़ा फैसला प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से जुड़ा है। अब 2025-26 में भी इस योजना के तहत लाभार्थियों को रसोई गैस (एलपीजी) पर सब्सिडी मिलती रहेगी। इसके लिए ₹12,060 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। वैष्णव ने बताया कि उज्ज्वला योजना को वैश्विक स्तर पर समावेशी विकास के मॉडल के रूप में सराहना मिली है और इसका सीधा उद्देश्य गरीब परिवारों की जीवन गुणवत्ता में सुधार करना है।
बैठक में घरेलू एलपीजी पर बढ़ते घाटे की भरपाई के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को ₹30,000 करोड़ का मुआवजा देने का भी फैसला हुआ। यह राहत पैकेज कंपनियों को मौजूदा वित्तीय दबाव से उबरने और उपभोक्ताओं के लिए रसोई गैस की कीमतों को स्थिर बनाए रखने में मदद करेगा।
तकनीकी शिक्षा क्षेत्र को मजबूती देने के लिए कैबिनेट ने MERITE योजना को भी हरी झंडी दी। ₹4,200 करोड़ के इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देशभर के तकनीकी संस्थानों में पाठ्यक्रम, शोध और प्रशिक्षण की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक ले जाना है।
उत्तर-पूर्वी राज्यों के विकास पर जोर देते हुए असम और त्रिपुरा के लिए विशेष विकास पैकेज की मौजूदा योजना के तहत 4 नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। इन पर कुल ₹4,250 करोड़ खर्च होंगे, जो बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देंगे। इसके अलावा तमिलनाडु में मरकानम से पुडुचेरी तक 46 किलोमीटर लंबा चार-लेन हाईवे बनाने की स्वीकृति दी गई है। इस प्रोजेक्ट पर ₹2,157 करोड़ की लागत आएगी और इससे क्षेत्रीय यातायात में सुधार के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
पिछले महीने भी कैबिनेट ने कई बड़े फैसले लिए थे। 31 जुलाई को हुई बैठक में कृषि, खाद्य सुरक्षा और नॉर्थ-ईस्ट में रेलवे नेटवर्क को मजबूत बनाने से जुड़े 6 प्रस्ताव मंजूर हुए थे। वहीं, 16 जुलाई की बैठक में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की घोषणा की गई थी, जो 2025-26 से शुरू होकर अगले छह साल तक चलेगी। इस योजना के तहत देश के 100 कम उत्पादन वाले जिलों में 1.7 करोड़ किसानों को आधुनिक खेती, टिकाऊ उत्पादन, फसल विविधता और सस्ती वित्तीय सुविधाओं का लाभ मिलेगा।