जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
वर्ष 2024 में कालिदास समारोह का आयोजन उज्जैन में 12 से 18 नवंबर तक किया जाएगा। इसकी शुरुआत 10 नवंबर से उज्जैन में गढ़कालिका मंदिर में वागअर्चन से होगी। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस समारोह को लेकर कालिदास संस्कृत अकादमी की केंद्रीय समिति की बैठक ली, जिसमें उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से कालिदास समारोह की रूपरेखा को जाना, साथ ही इस विषय में विस्तृत चर्चा कर अपने विचार रखे।
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कालिदास सम्मान समारोह के दौरान दिए जाने वाले पुरस्कारों की जानकारी ली और पुरस्कारों की राशि में वृद्धि किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही समारोह में अतिथियों के आमंत्रण, कार्यक्रम स्वरूप, पुरस्कार और सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित अन्य व्यवस्थाओं पर विस्तृत चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कालिदास समारोह की शुरुआत गढ़कालिका मंदिर से होती है। कालिदास का गढ़कालिका मंदिर से संबंध और उसके महत्व पर शिलालेख स्थापित किया जाना चाहिए। साथ ही कालिदास से संबंधित अन्य स्थलों पर भी जन-सामान्य की जानकारी के बोर्ड लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कालिदास संस्कृत अकादमी का आयोजन हर वर्ष किया जाता है। इसलिए इसमें अस्थाई स्ट्रक्चर की जगह स्थाई स्ट्रक्चर बनाया जाना चाहिए। इससे अस्थाई स्ट्रक्चर पर हर बार लगने वाले खर्चे में कमी आएगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूरे साल होने वाले सांस्कृतिक आयोजन और रचनात्मक गतिविधियों को ध्यान में रखकर अधोसंरचना निर्माण का प्लान बनाएँ। साथ ही कालिदास समारोह की ब्रांडिंग और पब्लिसिटी पर विशेष ध्यान दें। सीएम ने कहा कि कालिदास द्वारा मेघदूत में उज्जैन और महाकालेश्वर का विशेष उल्लेख किया गया है। महाकाल से जोड़कर इसका प्रचार करें, जिससे आयोजन की गरिमा में वृद्धि होगी।