जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर आज शहडोल के बाण गंगा मैदान में एक समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राज्यपाल मंगू भाई पटेल, जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह और अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस खास मौके पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस समारोह में वर्चुअली शामिल हुए।
इस दौरान उन्होंने शुक्रवार, 15 नवंबर को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और जबलपुर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालयों का लोकार्पण किया एवं भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती के अवसर पर ₹150 का स्मारक सिक्का भी जारी किया। बता दें कि इस बार भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई जा रही है।
वहीं, शहडोल में जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 229.66 करोड़ रुपये की लागत से 76 विकास कार्यों का भूमि-पूजन और उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय समुदाय के योगदान की सराहना की और देश की स्वतंत्रता में जनजातीय वीरों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती पर 6 हजार करोड़ रूपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है। इसमें जनजातीय वर्ग के बच्चों के भविष्य को संवारने वाले स्कूल और हॉस्टल, जनजातीय वर्ग की महिलाओं के लिये स्वास्थ्य सुविधा, जनजातीय क्षेत्रों को जोड़ने वाली सैकड़ों किलोमीटर की सड़कें, जनजातीय वर्ग की संस्कृति को समर्पित संग्रहालय एवं जनजातीय वर्ग के डेढ़ लाख परिवारों को पक्के घर के स्वीकृति पत्र वितरित किये गये हैं। साथ ही आज देव दीपावली के दिन 11 हजार से अधिक जनजातीय परिवारों को अपने घर में प्रवेश कराया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा के बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय एवं जबलपुर के राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्वंतत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का वर्चुअली लोकापर्ण किया।
भगवान बिरसा मुंडा
भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के उलीहातू गांव में एक साधारण मुंडा परिवार में हुआ था। उनका जीवन कई मुश्किलों से भरा रहा और बचपन से ही उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। सामाजिक असमानता, अत्याचार और ब्रिटिश राज के दौरान जनजातियों के शोषण ने बिरसा मुंडा के मन में विद्रोह की भावना पैदा की। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा लागू की गई जमींदारी प्रथा, धर्मांतरण और जनजातियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने 15 नवंबर 2021 को “राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
जल, जंगल और जमीन का अधिकार जनजातीय समाज का है मूल अधिकार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जल, जंगल और जमीन का अधिकार जनजातीय समाज का मूल अधिकार है। इसे अंग्रेज उनसे छीनना चाहते थे। भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के अत्याचार, अनाचार के खिलाफ जनजातीय समाज को खड़ा किया और अंग्रेजों के खिलाफ दो स्तरों पर लड़ाई लड़ी। एक ओर उन्होंने जनजातीय समाज के मूल अधिकार की रक्षा की और दूसरी ओर ईसाई मिशनरियों द्वारा हमारे धर्म के साथ छेड़छाड़ कर हमारे जनजातीय भाइयों को ईसाई बनाने के कुत्सित प्रयासों को ध्वस्त किया। आज हम भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें हृदय से स्मरण और नमन करते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास को देश के समक्ष लाने का अभियान चलाया है। उन्होंने प्रतिवर्ष देश भर में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाने का निर्णय मध्यप्रदेश में ही लिया। आज पूरे देश में भगवान बिरसा मुंडा जयंती मनाई जा रही है। भगवान बिरसा मुंडा का जीवन हम सबके लिए मार्गदर्शक है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय समाज आज भी हमारी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखे है। भगवान श्रीराम के रावण के विरुद्ध संघर्ष में जनजातीय समाज ने सहयोग किया। भगवान श्रीकृष्ण मोर पंख धारण करते थे, जनजातीय समाज भी मोर पंख धारण करता है। भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण एवं बिरसा मुंडा को याद करने से हमें अपनी संस्कृति की जड़ों से जुड़ने का मौका मिलता है। आज जनजातीय समाज के लोगों ने मुझे जो वीरन माला पहनाई है, यह कोई सामान्य माला नहीं है, इसका विशेष महत्व है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजाति समाज के विकास और कल्याण के कार्यों में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। नदी जोड़ो अभियान का लाभ पूरे देश को मिलेगा। बाणसागर परियोजना का पानी अब शहडोल जिले को भी मिलेगा। शहडोल में स्थाई हेलीपैड बनाया जाएगा। सरकारी सुविधाओं का लाभ हर व्यक्ति को मिलेगा। सरकार ने निर्णय लिया है कि यदि दुर्घटना में कोई भी व्यक्ति घायल होता है और पास में हवाई पट्टी है तो उसे उपचार के लिए हवाई मार्ग से अस्पताल ले जाया जाएगा।