जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के तहत प्रदेश सरकार ने शहर की सड़कों की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने का निर्णय लिया है। इस कड़ी में 100 किमी लंबी तीन प्रमुख सड़कों के निर्माण को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रशासकीय मंजूरी दी गई। इन सड़कों के निर्माण के लिए 2312 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है।
हालांकि, यह प्रस्ताव चर्चा और सवालों के घेरे में आ गया। दरअसल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस भारी-भरकम बजट पर आपत्ति जताते हुए कहा, “सिंहस्थ में अभी समय है। इन सड़कों को सिंहस्थ फंड से बनाया जाना चाहिए। शासन मद से क्यों खर्च किया जा रहा है? इसे बीओटी (बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) मॉडल पर पूरा किया जाए।”
जिसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि सिंहस्थ का फंड सिर्फ 500 करोड़ है, जिससे इस तरह की बड़ी परियोजनाएं संभव नहीं हैं। विजयवर्गीय ने कहा, “यदि ऐसा है, तो केंद्र से बात कर सिंहस्थ का बजट बढ़वाया जाएगा। लेकिन अगर इतना पैसा उज्जैन में ही खर्च हो गया, तो बाकी सड़कों का क्या होगा?” इसी दौरान पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने लागत पर सवाल उठाते हुए कह दिया कि इनकी लागत इतनी क्यों है?
बता दें, कैबिनेट बैठक में पहली बार इस तरह के तीखे सवाल-जवाब देखने को मिले। करीब 10-15 मिनट तक इस मुद्दे पर चर्चा चली। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने प्रस्ताव की लागत और सड़कों के महत्व को लेकर विस्तार से जानकारी दी, जिसके बाद इसे मंजूरी मिल गई।
बता दें, सरकार का यह निर्णय उज्जैन की रोड कनेक्टिविटी को मजबूत करने के साथ सिंहस्थ के आयोजन को सुव्यवस्थित करेगा।