जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में हाल ही में मची भगदड़ ने माहौल को गमगीन कर दिया। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन हुई इस घटना में 30 लोगों की जान चली गई और 90 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना के बाद से ही स्थिति को संभालने के लिए कड़े कदम उठाए। अब, सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को महाकुंभ के दौरे पर जाने वाले हैं, और इस दौरान वह मेला क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे।
गौरतलब है कि इस भगदड़ के बाद से मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की थी कि वे जहां हैं, वहीं अपने नजदीकी घाट पर स्नान करें और भगदड़ से बचने के लिए सुरक्षा नियमों का पालन करें। इस बार सीएम योगी आदित्यनाथ का दौरा सुरक्षा को लेकर विशेष रूप से अहम है।
इस दौरान मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ सतुआ बाबा आश्रम और भारत सेवा श्रम शिविर का दौरा करेंगे, जहां सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया जाएगा। इसके साथ ही वह मेला सर्किट हाउस में 77 देशों के मिशन प्रमुखों और उनके प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे, जो इस समय प्रयागराज में महाकुंभ का दौरा कर रहे हैं।
साथ ही, इस दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान भी किया गया है। इस घटना की पूरी जांच के लिए मुख्यमंत्री ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है, जो इस हादसे की वजह और घटनाक्रम का पता लगाएगी। जांच आयोग का नेतृत्व पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार कर रहे हैं, और यह आयोग एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपेगा।
अब सवाल उठता है कि क्या मुख्यमंत्री के इस दौरे के बाद सुरक्षा के सभी इंतजाम सही होंगे और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से कैसे बचा जाएगा? क्या मुख्यमंत्री के सख्त कदम इस महाकुंभ को सुरक्षित बनाने में सफल होंगे? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब महाकुंभ के इस दौर में आने वाले वक्त में हमें मिलेंगे!