महाकुंभ भगदड़ पर धीरेंद्र शास्त्री का “मोक्ष” बयान बना सियासी ड्रामा, बागेश्वर बाबा ने दी सफाई: बोले – “बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया”, कहा VIP कल्चर बंद करें; ‘महाकुंभ राजनीति का नहीं, भरोसे का अड्डा’

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में हुए भगदड़ हादसे को लेकर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री का एक बयान अब सियासी ड्रामा बन चुका है। 30 लोगों की मौत और लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच हुई इस दर्दनाक घटना ने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया। लेकिन इस घटना पर बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री ने जो बयान दिया, उसने विवादों का नया जन्म लिया।

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ के बाद, धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि मृतकों को “मोक्ष” मिला है, और यह टिप्पणी पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई। हर तरफ इस बयान की आलोचना हुई और इसे संवेदनहीनता करार दिया गया। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक, यह बयान लोगों के बीच आग की तरह फैल गया।

हालांकि, जब सियासी विवाद ने तूल पकड़ा और उनकी टिप्पणी पर तीखी आलोचनाएं आईं, तो धीरेंद्र शास्त्री ने सफाई दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और वह इस घटना से दुखी हैं। शास्त्री ने कहा, “मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। मैं इस हादसे को लेकर गहरे दुख में हूं और मेरे दिल में दर्द है।”

मध्य प्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए महाकुंभ में हुई भगदड़ पर अपना बयान दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना बहुत ही हृदय विदारक, दुखद और आत्मा को कष्ट पहुंचाने वाली घटना है। महाकुंभ में वर्तमान में सुचारु रूप से व्यवस्थाएं चल रही हैं। लाखों-करोड़ों लोग पहुंचे हैं। आने वाले समय के जो पर्व हैं, उन पर्वों में सरकार व्यवस्थाओं को और तेज करे। वीआईपी कल्चर को बंद करें ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार से कष्ट न पहुंचे।

शास्त्री ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि महाकुंभ राजनीति का नहीं, बल्कि आस्था का अड्डा है। उन्होंने महाकुंभ को भारत की सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक बताया और कहा, “महाकुंभ राजनीति नहीं, आस्था का विषय है। महाकुंभ राजनीति का अड्डा नहीं है। भरोसे का अड्डा है। महाकुंभ सनातन संस्कृति का अड्डा है। महाकुंभ भारत का परिचय है। भारत की संस्कृति का परिचय है। भारत के सनातन का परिचय है।” एक सवाल के जवाब में शास्त्री ने कहा कि महाकुंभ में हिंदू निश्चित रूप से जागा है। व्यापक रूप से जागा है। आने वाले कालांतर में हिंदू और जागेगा।

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