राज्य स्तरीय युवा संसद में हुआ MP की तीन बेटियों का चयन, दिल्ली में पीएम मोदी के सामने स्पीच देंगी छात्राएं; राज्य स्तरीय युवा संसद में 200 प्रतिभागियों ने लिया था हिस्सा

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश के युवा संसद में अपनी बौद्धिक क्षमता और बेहतरीन अभिव्यक्ति से सबका ध्यान खींचने वाली तीन होनहार बेटियां अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने दिल्ली के सेंट्रल हॉल में अपने विचार रखेंगी। यह मौका उन्हें ‘विकसित भारत’ थीम पर आयोजित राज्य स्तरीय युवा संसद में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद मिला है।

कौन हैं ये तीन प्रतिभागी?

मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों से आईं तीन होनहार छात्राओं—

  • इंदौर की सजल जैन
  • भिंड की यति सिंह सिसोदिया
  • सतना की राशि त्रिपाठी

…ने राज्य स्तरीय युवा संसद में अपनी विचारशीलता, प्रभावशाली वाणी और राष्ट्र के प्रति दृष्टिकोण से निर्णायकों को प्रभावित किया। अब वे राष्ट्रीय स्तर पर संसद के सेंट्रल हॉल में अपने विचार रखेंगी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे

कैसे हुआ चयन?

यह चयन विधानसभा के मानसरोवर सभागार में आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय युवा संसद में हुआ, जहां प्रदेश भर से 200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
प्रतियोगिता के आखिरी दिन ‘भारतीय संविधान के 75 वर्ष, अधिकार, कर्तव्य और प्रगति की यात्रा’ विषय पर सभी को 3-3 मिनट का समय दिया गया, जिसमें इन तीन छात्राओं ने सबसे प्रभावशाली भाषण दिया और शीर्ष स्थान हासिल किया।

क्या कहा इन होनहार प्रतिभागियों ने? 

  • इंदौर की सजल जैन (प्रथम स्थान)

 इंदौर की छात्रा सजल जैन ने अपने भाषण में कहा था- अधिकार और कर्तव्य की यात्रा में अधिकार कहीं ज्यादा आगे निकल गए और कर्तव्य पीछे रह गए। आज जरूरत है हमें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की।

  • भिंड की यति सिंह सिसोदिया (द्वितीय स्थान)

 यति सिंह सिसोदिया ने युवा संसद के पहले दिन ‘संविधान के अधिकार कर्तव्य और प्रगति’ पर अपनी बात रखी थी। उन्होंने कहा- संविधान सिर्फ हमें राइट टू लाइफ नहीं देता, बल्कि राइट टू लाइफ विद डिग्निटी देता है।

  • सतना की राशि त्रिपाठी (तृतीय स्थान)

राशि त्रिपाठी ने अपने भाषण में कहा था- हमारा जो संविधान लिखा गया है, वह एक किताबी भाषा नहीं है। वह एक ऐसा दस्तावेज है जो डिग्निटी ऑफ लाइफ को डिफाइन करता है।

सांत्वना पुरस्कार पाने वाले प्रतिभागी

राज्य स्तरीय युवा संसद में तीन अन्य प्रतिभागियों को भी उनके शानदार प्रदर्शन के लिए सांत्वना पुरस्कार दिया गया। शिवपुरी के मनीष शर्मा, देवास की भूमिका शर्मा, शहडोल के ओम तिवारी इन्हें भी उनकी तर्कशीलता, प्रस्तुतीकरण और विचारों की स्पष्टता के लिए सम्मानित किया गया

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