मध्यप्रदेश में बारिश ने मचाया कहर: 34 से ज्यादा जिलों में बाढ़ जैसे हालात, नदियां उफान पर; हाईवे बंद, डैम के गेट खुले!

You are currently viewing मध्यप्रदेश में बारिश ने मचाया कहर: 34 से ज्यादा जिलों में बाढ़ जैसे हालात, नदियां उफान पर; हाईवे बंद, डैम के गेट खुले!

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश इन दिनों मौसम के सबसे खतरनाक दौर से गुजर रहा है। प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने राज्य के 21 जिलों में भारी से अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, लगातार हो रही बारिश के कारण 34 से ज्यादा जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, डैमों के गेट खोलने पड़े हैं और दर्जनों रास्ते बंद हो चुके हैं।

सबसे ज्यादा खतरा जबलपुर, सागर, शहडोल, रीवा संभाग में

राज्य के जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। शनिवार को शिवपुरी, शहडोल, नरसिंहपुर और श्योपुर में कई गांव और कस्बे जलमग्न हो गए। उमरिया के संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के जोहिला डैम के गेट खोलने पड़े, वहीं बरगी बांध से रविवार को दोपहर में 5,000 क्यूमेक पानी छोड़ा जाएगा, जिससे नर्मदा घाटों पर 4-5 फीट तक जलस्तर बढ़ने की चेतावनी दी गई है।

तीन स्ट्रॉन्ग सिस्टम के कारण भारी बारिश

सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार इस बार सीजन का सबसे स्ट्रॉन्ग सिस्टम मध्यप्रदेश पर सक्रिय है। वर्तमान में दो ट्रफ और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हैं, जिनकी वजह से अगले चार दिनों तक मूसलधार बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।

बारिश से जनजीवन पूरी तरह बेहाल

शनिवार को सीधी, उमरिया, जबलपुर, शाजापुर, धार, श्योपुर, रायसेन, उज्जैन, सीहोर, सतना, नरसिंहपुर, बालाघाट, बैतूल, गुना सहित कई जिलों में तेज बारिश हुई। सीधी में दो इंच, सागर में लगभग दो इंच और भोपाल-उज्जैन सहित अन्य जिलों में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। डिंडौरी में तो खेतों की मिट्टी नेशनल हाईवे पर बहकर आ गई, जिससे वाहन फंसते रहे। नरसिंहपुर में स्टेट हाईवे-22 की पुलिया ढह गई और लोग रस्सियों के सहारे नदी पार करते नजर आए।

शिवपुरी-श्योपुर में हालात गंभीर

शिवपुरी के बैराड़ में कई गांवों में घरों में पानी भर गया। जोराई गांव में सड़क पर खड़ी गाड़ियां पानी में डूब गईं। वहीं, श्योपुर के बेनीपुरा गांव में क्वारी नदी का पानी 20 घरों में घुस गया, जिससे लोगों का घरेलू सामान खराब हो गया।

बारिश की वजह से जानमाल का नुकसान

शहडोल के केशवाही गांव में बारिश की वजह से एक कच्चे मकान की दीवार गिर गई, जिसमें एक बुजुर्ग दंपती की मौत हो गई। नरसिंहपुर के बरमान घाट पर नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों से घर खाली करने को कहा है।

मानसून की चाल और देरी

इस बार मानसून ने देश में समय से 8 दिन पहले दस्तक दी थी, लेकिन मध्यप्रदेश में यह एक दिन की देरी से 16 जून को पहुंचा। हालांकि, मात्र 5 दिनों में ही मानसून ने प्रदेश के सभी 55 जिलों को कवर कर लिया, जो पिछले वर्षों की तुलना में सबसे तेज रहा। पिछले साल मानसून 21 जून को एमपी में एंटर हुआ था।

9 जुलाई तक भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा

मौसम विभाग के मुताबिक 9 जुलाई तक प्रदेश के आधे हिस्से में भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। खासतौर पर पूर्वी हिस्सों में जैसे- जबलपुर, सागर, दमोह, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट, शहडोल, उमरिया और रीवा संभागों में अति भारी बारिश की आशंका है।

सावधानी जरूरी, प्रशासन अलर्ट मोड में

प्रशासन ने निचले इलाकों के लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। स्कूलों को अलर्ट जारी किया गया है और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। नदी-नालों और घाटों पर जाने से मना किया गया है।

Leave a Reply