जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारत के अध्यात्म और मानवता की सेवा के प्रतीक, बुंदेलखंड के गौरव और बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम कर ली है। अपनी 20 दिवसीय विदेश यात्रा के तहत इस समय लंदन में प्रवास कर रहे शास्त्रीजी को ब्रिटेन की संसद, हाउस ऑफ कॉमन्स में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया, जहां उन्हें मानवता, वैश्विक प्रेम, शांति और सामाजिक समरसता के क्षेत्र में किए जा रहे योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
यह कार्यक्रम ब्रिटिश सांसदों के एक समूह द्वारा आयोजित एक गरिमामय समारोह था, जिसमें यूके की सांसद सीमा मल्होत्रा, हैरो सिटी की मेयर अंजना पटेल, सांसद बॉब ब्लेकमैन, और हाउस ऑफ लॉर्ड्स की सदस्य बारोनेस वर्मा जैसे गणमान्य जन शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान शास्त्रीजी द्वारा भारत में निर्धन कन्याओं के विवाह, अन्नपूर्णा रसोई के माध्यम से प्रतिदिन हजारों लोगों को भोजन, और कैंसर अस्पताल की स्थापना जैसे कल्याणकारी कार्यों को विशेष रूप से रेखांकित किया गया।
इस ऐतिहासिक अवसर पर एक ऐसा क्षण भी आया जिसने पूरे माहौल को आध्यात्मिक और भावनात्मक दोनों रूपों में गहराई दे दी। पाकिस्तानी मूल के एक युवक मोहम्मद आरिफ ने मंच से यह सवाल किया कि – वह पाकिस्तान में जन्मा, पर भगवद्गीता पढ़कर हिंदू बन गया है, लेकिन समाज में लोग उसके नाम पर सवाल उठाते हैं। क्या नाम बदलना जरूरी है? इस पर बागेश्वर बाबा ने बेहद प्रभावशाली और दिल छू लेने वाला उत्तर दिया — “हिंदू बनना नाम से नहीं, विचार से होता है। अगर आप भगवद्गीता पढ़ते हैं, मानवता को स्वीकारते हैं, तो हम आपको अपने ही मानते हैं। हमारा धर्म विचारधारा है, रंग, रूप, नाम या देश की सीमा नहीं देखता। हम रहीम और रसखान को भी पढ़ते हैं और अब्दुल कलाम को भी सलाम करते हैं।”
कार्यक्रम का एक अन्य अविस्मरणीय क्षण तब आया जब ब्रिटिश संसद के भीतर सभी ने मिलकर सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया। यह क्षण ना केवल आध्यात्मिक था, बल्कि एक सांस्कृतिक विजय का प्रतीक भी बना। इस पर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने टिप्पणी करते हुए कहा – “एक समय था जब ब्रिटेन की संसद में भारत की बात सुनी नहीं जाती थी, और आज उसी संसद में बालाजी की कृपा से हनुमान चालीसा गूंज रही है। यह सिर्फ भारत नहीं, बल्कि मानवता की विजय है।”
बागेश्वर बाबा ने आगे आने वाली योजनाओं की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब वे पूरे विश्व से मानवता के सेवाभावी लोगों को जोड़ने जा रहे हैं, ताकि बागेश्वर धाम में उनके माध्यम से और अधिक जनसेवा हो सके। कैंसर अस्पताल के संचालन में विशेषज्ञ डॉक्टरों को दुनियाभर से आमंत्रित किया जाएगा, ताकि गरीबों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा मिल सके। सेमिनार और आयोजन के माध्यम से सेवा को वैश्विक स्तर तक पहुंचाया जाएगा।
यह पूरी यात्रा सनातन धर्म के प्रचार और वैश्विक भाईचारे के संदेश से ओतप्रोत है। पंडित शास्त्री 14 से 22 जुलाई तक लंदन, 24 से 28 जुलाई तक ओमान, और 29 से 31 जुलाई तक दुबई में रहेंगे, जहां हनुमंत कथा और धर्म प्रचार करेंगे। 1 अगस्त को वे पुनः भारत लौटेंगे।