जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल के प्रतिष्ठित हमीदिया अस्पताल में आधुनिक MRI और CT स्कैन यूनिट के लोकार्पण के मौके पर शुक्रवार को एक बड़ा राजनीतिक बयान सामने आया। चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने सार्वजनिक मंच से हमीदिया अस्पताल का नाम बदलने की मांग उठाते हुए कहा कि नवाब हमीदुल्ला को देशभक्त नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा – “जो भारत माता पर गोली चलवाता है, वह गद्दार होता है, न कि देशभक्त।”
मंत्री पटेल ने तर्क दिया कि भोपाल रियासत के नवाब हमीदुल्ला खान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीयों पर गोली चलवाई थी और देश के विभाजन के समय पाकिस्तान के पक्ष में खड़े थे। ऐसे व्यक्ति के नाम पर अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक संस्थान का नाम होना उचित नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से इस अस्पताल का नाम बदलने का अनुरोध भी मंच से किया।
गौरतलब है कि नवाब हमीदुल्ला खान भोपाल रियासत के अंतिम शासक थे, जिनकी भूमिका भारत की आज़ादी के समय विवादास्पद रही है। विभाजन के समय वे पाकिस्तान के पक्ष में झुकाव रखने और भारत में विलय का विरोध करने के लिए चर्चित रहे। अब इस ऐतिहासिक भूमिका को आधार बनाकर उनका नाम हटाने की मांग की जा रही है।
हालांकि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मुद्दे पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि, “अब सरकारी अस्पताल उन्नत तकनीकों से सुसज्जित होकर जनसेवा में अग्रणी बन रहे हैं। हेल्थ सेक्टर में मध्यप्रदेश अब राष्ट्रीय मॉडल बन रहा है।”
बता दें, गांधी मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित इस प्रतिष्ठित सरकारी अस्पताल में अब जो MRI (1.5 टेसला) और CT स्कैन (128 स्लाइस) मशीनें स्थापित की गई हैं, वे तकनीकी दृष्टि से प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में सबसे उन्नत मानी जा रही हैं। इन मशीनों के जरिए मरीजों को उच्च गुणवत्ता की मुफ्त जांच सुविधाएं मिलेंगी, खासतौर पर आयुष्मान भारत और अन्य सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के लाभार्थियों को।
इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि अब प्रदेश के सरकारी अस्पताल पूरी तरह से सरकारी तकनीक और संसाधनों से संचालित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के 40 से अधिक मेडिकल कॉलेजों में अब एयर एंबुलेंस से लेकर हाईटेक स्कैनिंग तक की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह सब एक मजबूत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की दिशा में राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि PPP मॉडल के तहत राज्य में चार मेडिकल कॉलेज पहले ही सफलतापूर्वक सौंपे जा चुके हैं और आगे भी इसी तर्ज पर काम जारी रहेगा।
हमीदिया अस्पताल में लगी ये नई MRI और CT स्कैन मशीनें केवल मरीजों के लिए ही नहीं, बल्कि मेडिकल स्टूडेंट्स और शोधकर्ताओं के लिए भी वरदान साबित होंगी। इनसे यूजी, पीजी और पैरामेडिकल छात्रों को लाइव प्रशिक्षण मिलेगा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित शोध को भी बढ़ावा मिलेगा।
सीटी स्कैन मशीन में वॉल्यूमेट्री, फ्यूजन और परफ्यूजन जैसे तकनीकी फीचर्स मौजूद हैं, जबकि MRI मशीन में डेडिकेटेड ब्रेस्ट कॉइल्स की सुविधा है जिससे ब्रेस्ट कैंसर की जांच पहले से ज्यादा सटीक और गहन हो सकेगी। दोनों मशीनें हाई-क्वालिटी कार्डियक स्क्रीनिंग के लिए भी उपयोगी हैं।
इस परियोजना पर कुल 24 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं – जिसमें MRI मशीन पर 18 करोड़ और CT स्कैन यूनिट पर 6 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इन मशीनों को इमरजेंसी विभाग के ठीक पीछे इंस्टॉल किया गया है ताकि गंभीर मरीजों को त्वरित जांच सेवा मिल सके।
यह पूरी व्यवस्था NMC (National Medical Council) के नए नियमों के अनुरूप की गई है, जिनके तहत मेडिकल कॉलेजों को जांच सुविधाएं खुद संचालित करनी होंगी, न कि निजी आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से। पहले हमीदिया अस्पताल में MRI-CT जैसी सुविधाएं निजी एजेंसियों के जरिये संचालित की जा रही थीं, जिससे मरीजों को काफी असुविधा होती थी।