नेशनल बोन एंड जॉइंट्स डे स्पेशल: उम्र बढ़ने के साथ क्यों ज़रूरी है हड्डियों और जोड़ों की देखभाल? जानिए पूरी गाइड

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

हर साल 4 अगस्त को भारत में ‘नेशनल बोन एंड जॉइंट्स डे’ मनाया जाता है, जिसका मकसद है लोगों को हड्डियों और जोड़ों से जुड़ी समस्याओं के प्रति जागरूक करना। बदलती जीवनशैली, खानपान की आदतें और कम होती फिजिकल एक्टिविटी के कारण आज न केवल बुज़ुर्ग, बल्कि युवा भी जोड़ों की समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में हड्डियों की मजबूती और जोड़ों की चिकनाई बनाए रखना बेहद जरूरी हो गया है।

बढ़ती उम्र के साथ शरीर में प्राकृतिक बदलाव आने लगते हैं, खासकर हड्डियों और जोड़ों में। जोड़ों के बीच मौजूद साइनोवियल फ्लूड (Synovial Fluid) जो लुब्रिकेशन का काम करता है, वह धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसके कारण चलने-फिरने में अकड़न, दर्द और असहजता महसूस होती है। अगर समय रहते इन बदलावों पर ध्यान न दिया जाए तो आगे चलकर ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

तो क्या किया जाए? आइए जानते हैं कुछ असरदार उपाय —

1. फिजिकल एक्टिविटी को अपनी आदत बनाएं

जोड़ों की लचीलापन बनाए रखने और उनमें लुब्रिकेशन बढ़ाने का सबसे आसान और असरदार तरीका है – रोज़ाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़। वॉकिंग, स्विमिंग, साइकलिंग, स्ट्रेचिंग और योग जैसी गतिविधियां न सिर्फ हड्डियों को मज़बूत बनाती हैं, बल्कि जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों को भी सहारा देती हैं। इससे जोड़ों में झटका कम लगता है और घिसाव की गति धीमी हो जाती है।

2. हेल्दी बॉडी वेट रखें

अगर शरीर का वजन ज़्यादा है, तो वह सबसे ज़्यादा असर घुटनों, कमर और कूल्हों पर डालता है। बढ़ा हुआ वज़न इन जोड़ों को तेजी से घिसाता है, जिससे चलने में तकलीफ और सूजन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसलिए हेल्दी वेट मेंटेन करना हड्डियों के लिए जरूरी है।

3. डाइट में इन पोषक तत्वों को ज़रूर शामिल करें

आपका खानपान आपकी हड्डियों की ताकत तय करता है। रोजाना के खाने में कैल्शियम, विटामिन D, मैग्नीशियम, और ओमेगा-3 फैटी एसिड ज़रूर शामिल करें। इसके लिए दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, अखरोट, अलसी के बीज और सैल्मन जैसी फिश बेहद फायदेमंद होती हैं। इसके अलावा फल और सब्जियां में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स से लड़कर सूजन को कम करते हैं।

4. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और मसल्स बिल्डिंग भी है जरूरी

सिर्फ़ कार्डियो ही नहीं, मांसपेशियों को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज़ भी करें। स्क्वैट्स, लंजेस, लेग लिफ्ट्स जैसी बॉडीवेट ट्रेनिंग मांसपेशियों को स्ट्रॉन्ग बनाती है। इससे हड्डियों पर पड़ने वाला प्रेशर कम होता है और जोड़ों की सुरक्षा होती है।

5. हाइड्रेशन न भूलें

पानी की कमी से शरीर के कई फंक्शन प्रभावित होते हैं, उनमें से एक है साइनोवियल फ्लूड का निर्माण। अगर शरीर में पानी की कमी हो तो जोड़ों में लुब्रिकेशन घट जाता है और अकड़न महसूस होती है। इसलिए दिनभर में 8-10 ग्लास पानी पीना जरूरी है।

हड्डियों और जोड़ों की समस्याएं अचानक नहीं होतीं, बल्कि ये धीरे-धीरे विकसित होती हैं। अगर 30 की उम्र के बाद से ही डाइट, लाइफस्टाइल और फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान दिया जाए तो आगे चलकर कई परेशानियों से बचा जा सकता है। नेशनल बोन एंड जॉइंट्स डे हमें यही याद दिलाता है — हड्डियों की देखभाल सिर्फ बुजुर्गों की ज़रूरत नहीं, बल्कि हर उम्र के व्यक्ति की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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