न्यूजीलैंड ने वर्ल्ड कप का ओपनिंग मैच 9 विकेट से जीत लिया है। इसके साथ ही कीवी टीम ने डिफेंडिंग चैंपियन इंग्लैंड से 2019 वर्ल्ड कप के फाइनल में मिली दिल तोड़ने वाली हार का बदला ले लिया है। पिछले वर्ल्ड कप में मेजबान इंग्लैंड बाउंड्री काउंट के आधार पर चैंपियन बना था, क्योंकि फाइनल मैच और सुपर ओवर दोनों टाई रहे थे।
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में गुरुवार को न्यूजीलैंड की एकतरफा जीत में कौन रहे मैच विनर्स और मुकाबले के दौरान क्या-क्या रिकॉर्ड बने आगे जानते हैं।
न्यूजीलैंड की जीत के टॉप-4 फैक्टर्स
1. इंग्लैंड की ओवर अटैकिंग रणनीति का फेल होना
बीते कुछ साल में इंग्लिश टीम ने आक्रामक बल्लेबाजी की रणनीति अपनाई है। इस मैच में इंग्लैंड ने यही कोशिश की। इस कोशिश में विकेट गिरते गए, लेकिन इंग्लिश बल्लेबाजों ने शॉट खेलना जारी रखा। नतीजा पूरी टीम एक अच्छी बैटिंग पिच पर 50 ओवर में 9 विकेट पर 283 रन ही बना सकी।
2. मिडिल ओवर्स में न्यूजीलैंड की शानदार गेंदबाजी
इंग्लैंड ने अपनी पारी में मिडिल ओवर्स (11वें से 40वें ओवर तक) में 173 रन बनाए और 5 विकेट गंवाए। टीम का एक विकेट पावर प्ले में ही गिर चुका था। यानी अंग्रेज डेथ ओवर्स (41वें से 50वां ओवर) में सिर्फ 4 विकेट लेकर गए। इस वजह से इंग्लैंड आखिरी 10 ओवर में सिर्फ 59 रन ही बना सका। टीम इनिंग्स के आखिरी 10 ओवर में 100+ रन बनाने के लिए जानी जाती है।
3. रवींद्र और कॉन्वे की बेहतरीन पार्टनरशिप
283 रन के चेज में न्यूजीलैंड को पहला झटका महज 10 रन के स्कोर पर लग गया था। ओपनर विल यंग गोल्डन डक का शिकार हुए। जब कोई बल्लेबाज अपनी पारी की पहली ही गेंद पर बिना रन बनाए आउट हो जाता है, तो इसे गोल्डन डक कहते हैं।
हालांकि, दूसरे ओपनर डेवोन कॉन्वे (152 नाबाद) और नंबर तीन पर बैटिंग करने आए भारतीय मूल के रचिन रवींद्र (123 नाबाद) टीम को जीत दिलाकर ही लौटे। इन दोनों ने दूसरे विकेट के लिए नाबाद 273 रनों की साझेदारी कर डाली। इनकी बैटिंग का इंग्लैंड के पास कोई जवाब नहीं था
4. ओस ने बाद में बैटिंग आसान कर दी
इंग्लैंड ने गेंदबाजी खराब की लेकिन न्यूजीलैंड की जीत में ओस ने भी रोल प्ले किया। मैच की दूसरी पारी में ओस की वजह से अंडर लाइट्स बैटिंग काफी आसान हो गई थी। गेंदबाजों को पिच से कोई मदद नहीं मिल रही थी।