जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
ओडिशा से दिल दहला देने वाली घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। ताज़ा मामला पुरी जिले का है, जहां शनिवार को एक 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा पर पेट्रोल डालकर उसे ज़िंदा जलाने की कोशिश की गई। यह वारदात पुरी के बायाबर गांव में उस वक्त हुई, जब छात्रा अपने दोस्त के घर जा रही थी। रास्ते में तीन हमलावरों ने उसे रोका और बेरहमी से पेट्रोल डालकर आग लगा दी। छात्रा की चीख-पुकार से इलाके में सनसनी फैल गई। स्थानीय लोग उसे बचाने दौड़े और उसे गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया। छात्रा को फिलहाल AIIMS भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
घटना स्थल बालंगा थाना क्षेत्र से महज़ डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर था, इसके बावजूद आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है, लेकिन अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि छात्रा को आग क्यों लगाई गई — पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है।
यह कोई पहली घटना नहीं है जिसने ओडिशा को हिला दिया हो। महज कुछ दिन पहले, 12 जुलाई को बालासोर जिले के फकीर मोहन कॉलेज की एक छात्रा ने सेक्शुअल हैरेसमेंट से तंग आकर कॉलेज कैंपस में खुद पर केरोसिन छिड़क कर आत्मदाह कर लिया था। आरोप है कि कॉलेज के हेड ऑफ डिपार्टमेंट (HoD) समीर कुमार साहू छात्रा को लंबे समय से परेशान कर रहा था। जब छात्रा प्रिंसिपल से शिकायत लेकर पहुंची, तो उसे धमकाकर शिकायत वापस लेने को कहा गया। न्याय की उम्मीद में गई छात्रा को जब संस्थान ने ही मुंह मोड़ लिया, तो उसने खुद को आग लगा ली। 14 जुलाई की रात, 95 फीसदी जल चुकी छात्रा ने AIIMS भुवनेश्वर में दम तोड़ दिया।
इन घटनाओं ने ओडिशा को झकझोर कर रख दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इन घटनाओं पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि “राज्य में अपराधी बेखौफ हो गए हैं। दिनदहाड़े एक बच्ची को जिंदा जलाने की कोशिश डरावनी है। इससे पहले भी फकीर मोहन कॉलेज की छात्रा न्याय न मिलने पर आत्मदाह कर चुकी है। अब सरकार कब जागेगी? बेटियों की सुरक्षा के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे?”
राजनीतिक दलों में भी इस मुद्दे को लेकर भारी आक्रोश है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इन घटनाओं को आपराधिक लापरवाही बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा और पूछा — “बेटी बचाओ का नारा कहां गया? पीएम मोदी, ये आपके हाथों पर खून है।”
घटनाओं के बाद पूरे राज्य में उबाल है। 17 जुलाई को कांग्रेस समेत आठ विपक्षी दलों ने ओडिशा बंद बुलाया। भुवनेश्वर में बसें रोकी गईं, भद्रक में ट्रेनों को रोका गया और चेन्नई-कोलकाता हाईवे जाम कर दिया गया। मयूरभंज, बालासोर और भद्रक जिलों में लोगों ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए।
फिलहाल पुलिस ने HoD समीर कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया है, और छात्रा की शिकायत को दबाने वाले कॉलेज प्रिंसिपल दिलीप घोष को भी विरोध के बीच जेल भेजा गया है।