जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मंदसौर जिले में आज़ादी का अमृत महोत्सव एक नए रंग और जोश के साथ मनाया जाएगा। इस बार सिर्फ तिरंगा लहराने की बात नहीं है, बल्कि हर घर, हर गांव, हर स्कूल और हर दिल तक देशभक्ति की लौ पहुंचाने की ठान ली गई है। “हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता, स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग” नामक यह अभियान 8 से 15 अगस्त तक जिले में ज़ोर-शोर से चलाया जाएगा। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने निर्देश जारी कर दिए हैं और पूरा प्रशासनिक तंत्र सक्रिय हो चुका है।
इस अभियान की सबसे बड़ी खासियत है इसका तीन चरणों में बंटा हुआ देशभक्ति और जनभागीदारी से भरपूर कार्यक्रम। पहले चरण में 8 अगस्त तक तिरंगे को केंद्र में रखते हुए रंगोली और राखी प्रतियोगिता से लेकर देश के वीर सैनिकों को भावुक पत्र लिखने जैसी भावनात्मक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। स्कूली छात्र से लेकर बुजुर्गों तक, हर वर्ग को इससे जोड़ा जाएगा ताकि तिरंगे के साथ आत्मसम्मान और गर्व की भावना हर घर तक पहुंचे।
दूसरा चरण 9 से 12 अगस्त तक चलेगा, जिसमें शहर से लेकर गांवों तक रैलियों का सिलसिला चलेगा। बाइक रैलियां, साइकिल रैलियां, तिरंगा यात्रा, तिरंगा मेला और कॉन्सर्ट के माध्यम से देशभक्ति का माहौल हर गली में महसूस होगा। इसके ज़रिए न सिर्फ तिरंगे की दृश्यता को बढ़ाया जाएगा, बल्कि लोगों के मन में इसके प्रति आत्मीयता भी और प्रबल होगी। तिरंगे की मानव श्रृंखला बना कर लोग दिखाएंगे कि देश एकजुट है, और ये एकता ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।
अभियान का तीसरा और अंतिम चरण 13 से 15 अगस्त तक चलेगा, जिसमें लोग अपने घरों, कार्यालयों और वाहनों पर गर्व से तिरंगा फहराएंगे। इसके साथ ही उन्हें सोशल मीडिया पर तिरंगे के साथ सेल्फी पोस्ट करने की अपील की गई है ताकि डिजिटल दुनिया में भी देशभक्ति की गूंज सुनाई दे। संस्कृति मंत्रालय इस दौरान हर जिले से जुड़ी सूचनाएं जुटाकर इसे एक राष्ट्रीय अभियान का रूप देगा।
इस पूरे अभियान को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय की साझा भागीदारी से अंजाम दिया जाएगा। इसकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि इसमें देशभक्ति के साथ स्वच्छता और जल संरक्षण को भी जोड़ा गया है। गांवों में स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन की गतिविधियों को गति दी जाएगी।
15 अगस्त के दिन हर जिले के अमृत सरोवरों और सार्वजनिक स्थानों पर ध्वजारोहण होगा, सामूहिक सफाई अभियान चलेगा और ‘स्वच्छ सुजल गांव’ की प्रतिज्ञा दिलाई जाएगी।
इस अभियान में किसी एक विभाग की नहीं, बल्कि पूरी जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है — पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर जल सेवा समितियां, स्वयं सहायता समूह, स्कूली छात्र और स्वयंसेवक – सभी को जोड़ा गया है।