भोपाल को मिलेगी नई पहचान: इतिहास और विरासत के प्रतीक बनेंगे राजधानी के प्रवेश द्वार, मुख्यमंत्री डॉ. यादव बोले सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज के नाम पर बनेंगे भोपाल के भव्य द्वार

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

अगर आप राजधानी भोपाल की ओर बढ़ रहे हैं, तो एक शानदार नज़ारा आपका इंतजार करेगा। चाहे आप किसी भी दिशा से शहर में प्रवेश करें, भव्य और ऐतिहासिक स्वागत द्वार आपका अभिनंदन करेंगे। यह सिर्फ एक सौंदर्यीकरण योजना नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश की गौरवशाली विरासत और महापुरुषों के सम्मान का प्रतीक होगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़े ऐलान के तहत कहा है कि भोपाल के सभी प्रमुख मार्गों पर भव्य द्वार बनाए जाएंगे, जो प्रदेश के महान शासकों और वीरों के नाम पर होंगे। इन द्वारों पर आने वाले लोगों के स्वागत के लिए प्रेरणादायक स्लोगन लिखे जाएंगे, वहीं शहर छोड़ने वालों के लिए आभार प्रकट करने वाले संदेश होंगे।

दरअसल, हाल ही में सियाचिन के शिखर पर वीरगति को प्राप्त हुए मध्य प्रदेश के लाल, शहीद विवेक सिंह तोमर के सम्मान में ‘विवेक द्वार’ का निर्माण किया गया। यह द्वार न केवल उनकी बहादुरी को अमर करेगा, बल्कि हर आने-जाने वाले को मातृभूमि के लिए किए गए सर्वोच्च बलिदान की याद दिलाएगा। अब इसी कड़ी में भोपाल के प्रवेश मार्गों पर और भी भव्य द्वार बनने जा रहे हैं, जिनका नाम प्रदेश की संस्कृति, इतिहास और राष्ट्रभक्ति से जुड़े महापुरुषों और वीरों के नाम पर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश का इतिहास अत्यंत गौरवमयी रहा है। वर्तमान पीढ़ी को हमारे समृद्ध अतीत से परिचित कराने और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करने के लिए राजधानी भोपाल के प्रमुख मार्गों पर सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज जैसे महान व्यक्तियों के नाम पर द्वार बनाए जाएंगे।

उन्होंने आगे कहा की भोपाल और अन्य क्षेत्रों की पहचान यहां के शासकों से जुड़ी हुई है। चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य की वीरता, न्याय, त्याग, दानशीलता, पराक्रम, पुरुषार्थ और सुशासन ने उन्हें इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया। अद्वितीय शासक राजा भोज ने बड़े तालाब समेत कई महत्वपूर्ण रचनाओं का निर्माण किया, जो आज भी भोपाल और प्रदेश के अन्य हिस्सों में उनकी यादों को जीवित रखती हैं। महापुरूषों के नाम पर द्वार बनाने की इस पहल से प्रदेशवासी अपने गौरवमयी अतीत को फिर से जी सकेंगे।

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