शवों की पहचान में भारी चूक! ब्रिटेन ने उठाए सवाल, एयर इंडिया हादसे में बड़ा खुलासा: ब्रिटेन की लीगल फर्म का दावा—भारत ने गलत शव भेजे!

You are currently viewing शवों की पहचान में भारी चूक! ब्रिटेन ने उठाए सवाल, एयर इंडिया हादसे में बड़ा खुलासा: ब्रिटेन की लीगल फर्म का दावा—भारत ने गलत शव भेजे!

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

अहमदाबाद में 12 जून को हुए एअर इंडिया विमान हादसे ने न केवल भारत को, बल्कि पूरे विश्व को झकझोर कर रख दिया था। इस भयावह दुर्घटना में 270 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें से 52 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे। अब इस मामले में शवों की पहचान को लेकर बेहद गंभीर और चौंकाने वाले सवाल खड़े हो गए हैं। ब्रिटेन की एक प्रतिष्ठित लीगल फर्म की स्टोन लॉ ने दावा किया है कि भारत से भेजे गए 12 शवों में से कम से कम दो की पहचान पूरी तरह गलत निकली है। इससे यह संदेह गहराया है कि लगभग 40 अन्य शवों की पहचान भी गलत हो सकती है, जबकि इनमें से कई का अंतिम संस्कार पहले ही हो चुका है।

ब्रिटिश वकील जेम्स हीली-प्रैट ने भारत की जांच एजेंसी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) से मांग की है कि वे सभी प्रभावित परिवारों को कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग, फ्यूल कट-ऑफ डेटा और अन्य अहम सबूतों तक पहुंच दें। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इतने बड़े हादसे के बाद भी जानकारी को छुपाया जा रहा है, जिससे परिजन लगातार असमंजस और पीड़ा में जी रहे हैं।

घटना के बाद भारत और ब्रिटेन के शीर्ष स्तर पर भी संवाद हुआ है। हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच इस मुद्दे को लेकर गंभीर चर्चा हुई, जिसके बाद डीएनए मिलान की प्रक्रिया में कुछ तेजी देखने को मिली है। अब उम्मीद की जा रही है कि कुछ शवों की असली पहचान जल्द ही सामने आ सकेगी।

परिजनों की पीड़ा केवल पहचान तक सीमित नहीं है। टाटा समूह द्वारा घोषित ₹500 करोड़ के मुआवजे की योजना पर भी परिजन स्पष्टता की मांग कर रहे हैं। कई परिजन इस बात से चिंतित हैं कि भारत, ब्रिटेन और अमेरिका में चल रही कानूनी प्रक्रियाएं इस मुआवजे तक पहुंच को लंबा और जटिल बना सकती हैं। वे यह जानना चाहते हैं कि पैसा कैसे वितरित होगा, प्रक्रिया कितनी पारदर्शी होगी और कब तक मुआवजा मिलेगा।

हादसे की जांच में अब ह्यूमन फैक्टर स्पेशलिस्ट्स को भी शामिल किया गया है। यह जानकारी केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने 31 जुलाई को संसद में दी। उनका कहना है कि जांच हर कोण से की जा रही है और इन विशेषज्ञों की मदद से यह समझा जा सकेगा कि कहीं पायलट की गलती, थकावट या दबाव जैसे मानवीय कारण तो हादसे के लिए जिम्मेदार नहीं थे।

उधर, अमेरिकी मीडिया हाउस वॉल स्ट्रीट जर्नल की 17 जुलाई को प्रकाशित एक रिपोर्ट ने नई बहस छेड़ दी थी, जिसमें यह दावा किया गया कि विमान के पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने कथित तौर पर उड़ान के दौरान दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई बंद कर दी थी। हालांकि इस रिपोर्ट को भारत के AAIB और अमेरिका के NTSB दोनों ने खारिज कर दिया है। दोनों एजेंसियों का कहना है कि जांच अभी जारी है और किसी भी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।

हादसे के वक्त विमान में 242 यात्री सवार थे, जबकि क्रैश की चपेट में आने वाले मेडिकल हॉस्टल में भी 29 लोगों की मौत हुई थी। इस त्रासदी ने सैकड़ों परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है, और अब जब शवों की पहचान तक पर सवाल उठने लगे हैं, यह घटना एक मानवीय संकट में तब्दील हो गई है।

परिजनों की एक ही मांग है—सच्चाई सामने लाई जाए, दोषियों को सजा मिले और उन्हें पारदर्शी और न्यायपूर्ण प्रक्रिया के जरिए सम्मानजनक मुआवजा दिया जाए।

Leave a Reply