जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
टीवी की दुनिया के सबसे विवादित और लोकप्रिय रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ के फॉर्मेट में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस बार बिग बॉस सीजन 19 में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स को पूरी तरह से बाहर कर दिया गया है। यानी इस बार फैंस को बिग बॉस के घर में सिर्फ टेलीविजन और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोकप्रिय चेहरे ही देखने को मिलेंगे।
बीते कई सीजन्स से डिजिटल क्रिएटर्स को शो में शामिल करने की आलोचना होती रही है। एल्विश यादव, अभिषेक मल्हान उर्फ फुकरा इंसान, मनीषा रानी और रजत दलाल जैसे सोशल मीडिया सितारों ने शो में जबरदस्त एंटरटेनमेंट दिया, लेकिन इससे जुड़े विवाद भी खूब हुए। इन क्रिएटर्स की विशाल फैन फॉलोइंग के चलते, पारंपरिक टीवी या फिल्मी सितारों को वोट्स के मामले में पीछे हटना पड़ा। यही कारण रहा कि शो की विश्वसनीयता पर सवाल उठे और लंबे समय से जुड़े दर्शकों में नाराजगी देखने को मिली।
‘टेली रिपोर्टर’ की रिपोर्ट के अनुसार, बिग बॉस 19 के मेकर्स ने अब स्पष्ट रूप से फैसला किया है कि वे किसी भी यूट्यूबर या सोशल मीडिया स्टार से संपर्क नहीं करेंगे। उनका पूरा फोकस इस बार टीवी और फिल्म के चर्चित सितारों को शो में लाने पर है। इस बदलाव को शो को उसकी पुरानी साख वापस दिलाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
इस फैसले के पीछे एक और बड़ी वजह यह भी बताई जा रही है कि सोशल मीडिया सेलेब्रिटीज की एंट्री के बाद शो की टोन काफी बदल गई थी। कॉंटेंट का स्तर, हाउस के अंदर की भाषा और व्यवहार को लेकर विवाद बढ़े, जिससे पारिवारिक दर्शक वर्ग में शो की पकड़ कमजोर पड़ी। खबर यह भी है कि बिग बॉस 19 का प्रीमियर 19 जुलाई 2025 को किया जाएगा और इस बार शो सिर्फ 3 महीनों का नहीं बल्कि पूरे 5.5 महीने तक चलेगा, यानी शो की अवधि लगभग दोगुनी कर दी गई है। दर्शकों को लंबे समय तक मनोरंजन देने की तैयारी की जा रही है।
सलमान खान इस बार भी शो को होस्ट करेंगे, और रिपोर्ट्स के अनुसार जून 2025 के अंत तक वे बिग बॉस 19 के प्रोमो शूट कर लेंगे। अब तक मेकर्स की ओर से इस बदलाव पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कास्टिंग को लेकर काम तेज़ी से चल रहा है और नामचीन चेहरों से संपर्क किया जा रहा है। इसके साथ ही एक और बड़ा झटका यह है कि अब ‘बिग बॉस’ का OTT वर्जन बंद कर दिया गया है। यह फैसला शायद इस कारण लिया गया है कि बिग बॉस को दो प्लेटफॉर्म पर चलाने से ब्रांड का फोकस बंट रहा था और टीवी वर्जन की चमक फीकी पड़ रही थी।