जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रदेश के विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई। बैठक में जल जीवन मिशन के अंतर्गत पुनरीक्षित योजनाओं की लागत वृद्धि को मंजूरी देने के साथ-साथ उज्जैन और प्रदेश के अन्य हिस्सों में महत्वपूर्ण सड़क और रेलवे ब्रिज परियोजनाओं को भी स्वीकृति दी गई।
जल जीवन मिशन: 2,813 करोड़ की अतिरिक्त राशि राज्य सरकार वहन करेगी
बैठक में सबसे पहले जल जीवन मिशन से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा हुई। प्रदेश में अब तक इस योजना के तहत 27,990 एकल ग्राम नल-जल योजनाओं और 148 समूह जल प्रदाय योजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है, जिन पर क्रमशः 20,765 करोड़ और 60,786 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
अब तक 15,947 ग्रामों की योजनाएं पूरी की जा चुकी हैं, जबकि 12,043 ग्रामों में कार्य प्रगति पर है। वहीं 8,358 योजनाओं की लागत बढ़ने के कारण पुनरीक्षण की आवश्यकता पड़ी। इन पुनरीक्षित परियोजनाओं पर कुल लागत 9,026 करोड़ 97 लाख रुपए आंकी गई है, जबकि इनकी मूल स्वीकृति केवल 6,213 करोड़ 76 लाख रुपए थी।
बैठक में निर्णय हुआ कि इस बढ़ी हुई राशि में से 2,813 करोड़ 21 लाख रुपए का बोझ राज्य सरकार खुद वहन करेगी, जो कुल लागत का लगभग 13.55 प्रतिशत है। इससे लगभग 7 लाख ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराया जा सकेगा।
इंदौर–उज्जैन ग्रीन फील्ड हाईवे को हरी झंडी
मंत्रि-परिषद ने इंदौर–उज्जैन ग्रीन फील्ड (एक्सेस कंट्रोल) मार्ग के निर्माण को भी मंजूरी दी। यह हाईवे 48.10 किलोमीटर लंबा होगा और इसे 4 लेन के साथ दोनों ओर 2–2 लेन सर्विस रोड सहित बनाया जाएगा।
परियोजना हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) पर विकसित होगी और इसके लिए भू-अर्जन समेत कुल 2,935 करोड़ 15 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। हाईवे पर 34 अंडरपास, 2 फ्लाईओवर, 1 रेलवे ओवरब्रिज (ROB), 7 मध्यम पुल और 2 बड़े जंक्शन बनाए जाएंगे। साथ ही सड़क सुरक्षा उपाय, रोड मार्किंग और जंक्शन सुधार का भी ध्यान रखा जाएगा। इस परियोजना की कंसेशन अवधि 17 वर्ष तय की गई है।
उज्जैन में हरिफाटक ROB को मंजूरी
आगामी सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखते हुए उज्जैन शहर में हरिफाटक रेलवे क्रॉसिंग पर नया रेलवे ओवरब्रिज (ROB) बनाने का फैसला लिया गया है। यह ओवरब्रिज 4 लेन का होगा और इसकी लंबाई 980 मीटर होगी, जो हरिफाटक चौराहे से नीलकंठ द्वार तक फैलेगा। परियोजना की कुल लागत 371 करोड़ 11 लाख रुपए है और इसे सिंहस्थ निधि से स्वीकृति दी गई है। इसके बनने से सिंहस्थ अवधि में ट्रैफिक दबाव को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी।
नर्मदापुरम–टिमरनी रोड प्रोजेक्ट
बैठक में एक और अहम निर्णय नर्मदापुरम–टिमरनी मार्ग को लेकर लिया गया। लगभग 72.18 किलोमीटर लंबे इस मार्ग का निर्माण 2 लेन मय पेव्हड शोल्डर सहित किया जाएगा।
परियोजना की कुल लागत 972 करोड़ 16 लाख रुपए तय की गई है और इसे भी हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पर विकसित किया जाएगा। इस सड़क पर 2 अंडरपास, 4 बड़े पुल, 37 मध्यम पुल, 14 प्रमुख जंक्शन और 52 छोटे निर्माण कार्य होंगे। साथ ही सड़क सुरक्षा, रोड फर्नीचर और मार्किंग जैसे कार्य भी शामिल रहेंगे। इस परियोजना की कंसेशन अवधि भी 17 वर्ष होगी।