जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को पंजाब के औद्योगिक केंद्र लुधियाना में वर्धमान औद्योगिक परिसर का दौरा किया और वहां के प्रमुख उद्योगपतियों से विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश की समावेशी, उदार और निवेश-अनुकूल नीतियों की जानकारी देते हुए उद्योग जगत को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार न केवल उद्योगों की स्थापना व विस्तार के लिए हरसंभव सहयोग करेगी, बल्कि जहाँ किसी विशेष सेक्टर में संभावनाएं दिखाई देंगी, वहाँ जरूरत पड़ने पर नियमों में परिवर्तन करने से भी पीछे नहीं हटेगी।
मुख्यमंत्री ने लुधियाना के उद्योगपतियों को विशेष रूप से मध्यप्रदेश के गारमेंट और टेक्सटाइल सेक्टर में उपलब्ध अवसरों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि इंदौर की ऐतिहासिक हुकुमचंद मिल को फिर से शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत मजदूरों के हितों को प्राथमिकता देते हुए सौ करोड़ रुपये से अधिक का सेटलमेंट किया गया है। इसी तरह ग्वालियर की जेसी मिल और उज्जैन की हीरा मिल के मामलों में भी सरकार ने श्रमिकों के हक में सह्रदयता दिखाते हुए ठोस निर्णय लिए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस दौरान स्पष्ट किया कि राज्य सरकार उद्योगपतियों के हित में आवश्यकतानुसार कैबिनेट स्तर पर नीतियों में बदलाव करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने उद्योग जगत से आग्रह किया कि वे मध्यप्रदेश आएं, यहाँ की औद्योगिक संभावनाओं को देखें और प्रदेश की स्थिरता, संसाधनों की प्रचुरता और शांतिपूर्ण वातावरण का लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल, एग्री-बेस्ड इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग गुड्स, स्टील प्रोसेसिंग, रिन्यूएबल एनर्जी और आईटी सेक्टर में अपार संभावनाएं हैं, जिनका दोहन करने के लिए निवेशकों का स्वागत है।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को यह भी बताया कि मध्यप्रदेश आज केवल निवेश के लिए ही नहीं, बल्कि एक जनकल्याणकारी राज्य के रूप में भी तेजी से उभर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीब तबके के लिए एयर एंबुलेंस सेवा और राहगीर सेवा योजना जैसी अनूठी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनकी लुधियाना के उद्योगपतियों ने भी मुक्तकंठ से सराहना की और कहा कि ऐसी संवेदनशील सोच अन्य राज्यों में शायद ही देखने को मिले।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से इस दौरान वर्धमान ग्रुप के एमडी श्री नीरज जैन, राल्सन इंडिया लिमिटेड के चेयरमेन श्री संजीव पहवा, कंगारू इंडस्ट्रीज के एमडी श्री अंबरीश जैन, टीके स्टील रोलिंग मिल्स के एमडी श्री लोकेश जैन, रजनीश इंडस्ट्रीज के निदेशक श्री राहुल आहूजा, फार्मपार्ट्स कंपनी के उपाध्यक्ष श्री जेएस भोगल, सीआईसीयू के अध्यक्ष श्री उपकार सिंह आहूजा, कमल सरजवन होजरी के प्रतिनिधि श्री सुदर्शन जैन और श्री अरुण जैन सहित विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगपतियों ने विस्तार से चर्चा की।
बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश में बिजली दरें प्रतिस्पर्धात्मक हैं और यहाँ की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को निवेशक-अनुकूल और सरल बनाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश में सौर ऊर्जा और पावर सेक्टर में भी बड़े निवेश आ रहे हैं। साथ ही यदि केंद्र सरकार के स्तर पर कोई पर्यावरणीय स्वीकृति लंबित होगी तो उसे भी राज्य सरकार अपने स्तर पर शीघ्र प्राप्त कराने का प्रयास करेगी।
इस अवसर पर उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री की नीति स्पष्टता, निर्णय क्षमता और उनके तेज गति से काम करने की कार्यशैली की सराहना की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब देश के सबसे भरोसेमंद और निवेश के लिए सर्वाधिक उपयुक्त राज्यों में से एक बनकर उभरा है।