जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 2 नवंबर को रविन्द्र भवन में राज्य स्तरीय गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीप जलाकर किया। उन्होंने गौ माता की पूजा की और श्री गोवर्धन जी की परिक्रमा कर गोमाता का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और गौ सेवा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले गोपालकों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर स्वामी अच्युतानंद महाराज, हरिओमानंद महाराज, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णु दत्त शर्मा, सांसद आलोक शर्मा, कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग, राज्यमंत्री कृष्णा गौर, राज्यमंत्री लखन पटेल, भोपाल की महापौर मालती राय, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवान दास सबनानी सहित अन्य नागरिक उपस्थित रहे।
राज्य स्तरीय गोवर्धन पूजा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने नागरिकों को गोवर्धन पूजा की बधाई दी और कई घोषणाएँ भी कीं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में गौ-पालन को बढ़ावा देकर किसानों और गौ-पालकों की आर्थिक स्थिति को सशक्त किया जा रहा है। जिसके तहत बूढ़ी और अपाहिज गायों की देखभाल के लिए शहरों में कांजी हाऊस के स्थान पर गौशालाएं स्थापित की जाएंगी ताकि गौ-वंश की देखभाल की जा सके। वहीं, 10 से ज्यादा गोवंश पालने वालों को विशेष अनुदान दिया जाएगा। सरकार ने फैसला किया है कि नगर निगम क्षेत्र में 5 से 10,000 गोवंश के पालन के लिए जो भी खर्च आएगा, उसका प्रबंधन राज्य सरकार करेगी।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश गौ-वंश में बहुत समृद्ध है, जहां लगभग 1 करोड़ 39 लाख गायें हैं। 2019 की पशु गणना के अनुसार, मध्य प्रदेश का तीसरा स्थान है। हम अगली पशुगणना में पहले स्थान पर आने का प्रयास करेंगे। उन्होंने गौ-पालकों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ गौ-वंश संरक्षण के लिए सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में पशु चिकित्सा के लिए गौ-एंबुलेंस का संचालन भी किया जा रहा है।
शहरों में प्रारंभ होंगी बड़ी गौ-शालाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में पशुधन संरक्षण और पशुपालन के लिए 590 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। वहीं उन्होंने कहा कि गौपालन और गौ संरक्षण के कार्यों को ध्यान में रखते हुए इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर जैसे शहरों में बड़ी गौशालाएँ खोली जाएँगी, जहाँ हजारों गौ-वंश हैं। इन गौशालाओं में 5,000 से 10,000 गौवंश रखने की योजना है।
गौ-वध के दोषी को मिलेगी 7 वर्ष का सख्त कारावास
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे प्रदेश में गौ-वंश की सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रावधान किए जा रहे हैं। गौ-वध को रोकने के लिए प्रभावी व्यवस्थाएं बनाई गई हैं। गौ-वध के मामले में दोषी पाए जाने पर 7 साल की कठोर सजा का प्रावधान है।