भोपाल में चलो जीते हैं देख भावुक हुए CM मोहन यादव, बोले– हीरे की तरह चमकता है प्रधानमंत्री मोदी का जीवन; हर नागरिक को देखने की दी सलाह!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया: 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को भोपाल के सिनेपोलिस बंसल प्लाजा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर आधारित लघु फिल्म चलो जीते हैं देखी। फिल्म देखने के बाद मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि यह फिल्म एक अद्भुत प्रयोग है, जो प्रधानमंत्री मोदी के बचपन की परिस्थितियों को बहुत ही प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधे घंटे की इस शॉर्ट फिल्म में कथा सार को समेटना एक कठिन कार्य था, लेकिन निर्देशक ने इसे प्रेरणादायी तरीके से प्रस्तुत किया है। उन्होंने फिल्म की तुलना उस हीरे से की, जो कठिन परिस्थितियों से निकलकर चमकता है। उनके अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी का जीवन भी संघर्ष और सेवा से भरा हुआ है और यही इस फिल्म का मूल संदेश है।

सेवा पखवाड़े में पूरे प्रदेश में प्रदर्शन

डॉ. यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की जन्म जयंती के अवसर पर 18 से 24 सितंबर तक प्रदेशभर में चलो जीते हैं का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसे “सेवा पखवाड़ा” के अंतर्गत लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल सराहनीय है और युवा पीढ़ी को मोदी जी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

फिल्म में क्या दिखाया गया है?

चलो जीते हैं वर्ष 2018 में बनी एक लघु फिल्म है। इसकी कहानी एक छोटे बालक ‘नरेंद्र’ के इर्द-गिर्द घूमती है, जो दूसरों की सेवा और देशभक्ति को अपना सबसे बड़ा धर्म मानता है। फिल्म में बाल नरेंद्र के संघर्ष, संस्कार और समाजसेवा की सोच को केंद्र में रखा गया है। इसमें बड़े स्टार कलाकार नहीं हैं, बल्कि नए और युवा कलाकारों ने अभिनय किया है। बाल नरेंद्र की भूमिका में समर्थ शुक्ला नजर आते हैं।

मुख्यमंत्री की सराहना

फिल्म देखने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मोदी जी का बचपन ही उनकी प्रेरणा का आधार रहा है। यह फिल्म बताती है कि किस तरह कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने अपने मित्रों और समाज का साथ दिया और सेवा को जीवन का मूलमंत्र बनाया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के दीर्घायु होने और उनके “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य की सफलता की कामना की।

फिल्म का निर्देशन महावीर जैन ने किया है, जबकि इसका निर्माण भूषण कुमार और महावीर जैन ने किया। फिल्म में तकनीक और खर्च के बिना दिखावा किए, मूल संदेश और भावनाओं को प्राथमिकता दी गई है। मुख्यमंत्री ने इसे “नई शैली का प्रयोग” बताते हुए कहा कि यह फिल्म हर नागरिक को देखनी चाहिए।

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