CM मोहन यादव की मंत्रि-परिषद बैठक: प्रदेश में निजी ऑपरेटर के साथ हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने का लिया बड़ा निर्णय, 13 मेडिकल कॉलेजों में 354 नए सीनियर रेसीडेंट पद होंगे सृजित!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में वित्तीय, परिवहन और स्वास्थ्य क्षेत्र में अहम योजनाओं को हरी झंडी दी गई, जो राज्यवासियों के जीवन और प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर सीधा सकारात्मक असर डालेंगी।

सबसे बड़ी घोषणा प्रदेश में निजी ऑपरेटरों के माध्यम से हेलीकॉप्टर सेवा के संचालन की स्वीकृति है। इस सेवा के तहत प्रमुख शहरों, धार्मिक स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों और पर्यटन स्थलों के बीच किफायती और स्थायी हैलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों को तीन सेक्टरों में बांटा गया है। सेक्टर-1 में इंदौर, उज्जैन, ओंकारेश्वर, मांडू, महेश्वर, गांधीसागर, मंदसौर, नीमच, हनुवंतिया, खंडवा, खरगौन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर, रतलाम, झाबुआ, नलखेड़ा, भोपाल और जबलपुर शामिल हैं। सेक्टर-2 में भोपाल, मढ़ई, पचमढ़ी, तामिया, छिंदवाड़ा, सांची, इंदौर, दतिया, दमोह, ग्वालियर, शिवपुरी, कूनो (श्योपुर), ओरछा, गुना, राजगढ़, सागर, होशंगाबाद, बैतूल, टीकमगढ़ और जबलपुर शामिल हैं। वहीं, सेक्टर-3 में जबलपुर, बांधवगढ़, कान्हा, चित्रकूट, सरसी, परसिली, मैहर, सतना, पन्ना, खजुराहो, कटनी, रीवा, सिंगरौली, अमरकंटक, सिवनी, सीधी, मंडला, पेंच, डिंडौरी, भोपाल और इंदौर को जोड़ा गया है। इस सेवा से यात्रियों, पर्यटकों, निवेशकों और प्रदेशवासियों के लिए प्रदेश में आवागमन सरल और सुविधाजनक होगा। साथ ही, इससे व्यापार और पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि और रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा।

ऊर्जा क्षेत्र में मंत्रि-परिषद ने सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी और अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई की पुनरीक्षित लागत को मंजूरी दी। सतपुड़ा परियोजना की लागत 11,678.74 करोड़ रुपये तय की गई है, जिसमें राज्य शासन 20 प्रतिशत अंशपूँजी के रूप में 684.53 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगा। शेष राशि म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के स्वयं के स्त्रोत से जुटाई जाएगी। वहीं, अमरकंटक ताप विद्युत गृह की लागत 11,476.31 करोड़ रुपये तय हुई है, जिसमें 699.90 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे और शेष राशि कंपनी द्वारा जुटाई जाएगी। इन परियोजनाओं से प्रदेश की ऊर्जा सुरक्षा और उत्पादन क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।

स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बड़ा फैसला लिया गया। मंत्रि-परिषद ने 13 स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में सीनियर रेसीडेंट के 354 नए पद सृजित करने की स्वीकृति दी। यह कदम राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के मापदंडों के अनुसार चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण को सुनिश्चित करने के लिए अहम है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सतना, विदिशा, रतलाम, खंडवा, शहडोल, शिवपुरी, दतिया और छिंदवाड़ा में इन पदों के माध्यम से स्नातकोत्तर छात्र अपने प्रशिक्षण पूरी तरह से महाविद्यालय में प्राप्त कर सकेंगे और नॉन क्लीनिकल एवं पैरा क्लीनिकल संकायों में भी प्रशिक्षित शिक्षक मिलेंगे।

इन सभी फैसलों का उद्देश्य प्रदेशवासियों के जीवन को आसान बनाना, पर्यटन और व्यापार में वृद्धि करना तथा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करना है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी योजनाओं और परियोजनाओं का कार्यान्वयन समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से किया जाए ताकि जनता को वास्तविक लाभ पहुंचे।

यह मंत्रि-परिषद की बैठक प्रदेश के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ मानी जा रही है, जिसमें आधुनिक परिवहन, ऊर्जा सुरक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के साथ-साथ रोजगार और पर्यटन के नए अवसर भी शामिल हैं।

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