जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट ले चुका है। डिप्रेशन और ट्रफ लाइन की सक्रियता के चलते रविवार को प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में बारिश हुई। श्योपुर में 9 घंटे में ही करीब 2 इंच पानी गिर गया, जबकि भोपाल और इंदौर में दिनभर रिमझिम फुहारें पड़ती रहीं। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि सोमवार को भी इसी तरह का मौसम बना रहेगा, खासकर ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग के जिलों में तेज बारिश का अलर्ट जारी है।
आधे एमपी में झमाझम से लेकर बूंदाबांदी तक
भोपाल, इंदौर, गुना, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, धार, देवास, खंडवा, खरगोन, आगर-मालवा, रतलाम, झाबुआ और आलीराजपुर जैसे जिलों में रविवार को रुक-रुककर बारिश का दौर चलता रहा। बालाघाट के मलाजखंड में 1 इंच तक पानी गिरा, जबकि उज्जैन, जबलपुर, सागर, रतलाम, शाजापुर, देवास, दमोह और रायसेन जैसे जिलों में भी दिनभर भीगने जैसा माहौल रहा।
किसानों की बढ़ी चिंता: खेतों में पानी, फसलें भीगीं
श्योपुर जिले में सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ। सलवानिया बुखारी और किलगाबड़ी गांव में खेतों में रखी कटी हुई धान की फसल बह गई। वहीं गुना जिले में रविवार रात 7.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। म्याना इलाके में खेतों में पानी भर गया और सूख रही मक्के की फसल भीगकर खराब होने लगी।
कुछ इलाकों में अंडरब्रिज में पानी भर जाने से वाहनों की आवाजाही में भी परेशानी हुई।
डिप्रेशन और ट्रफ से बदला मौसम
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अरब सागर में सक्रिय डिप्रेशन और उससे जुड़ी ट्रफ लाइन मध्यप्रदेश के बीचों-बीच तक पहुंच गई है। इसके असर से आने वाले तीन दिन तक बारिश जारी रहेगी।
अगले 24 घंटे में इसका असर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सबसे ज्यादा देखने को मिलेगा, इसके बाद यह सिस्टम पूर्वी एमपी की ओर बढ़ेगा। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में भी एक डीप डिप्रेशन सक्रिय है, जो अगले 48 घंटे में प्रदेश में असर दिखाएगा।
30 अक्टूबर तक बारिश और आंधी का अलर्ट
मौसम विभाग ने 27 से 30 अक्टूबर तक के लिए बारिश, गरज-चमक और आंधी का येलो अलर्ट जारी किया है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में इस दौरान सक्रिय बादल और रिमझिम बारिश जारी रहेगी।
तापमान में गिरावट, दिन ठंडे हुए
बारिश के चलते दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। रविवार को भोपाल में 24.2°C, इंदौर में 23.5°C, उज्जैन में 25.7°C, रतलाम में 24.2°C, जबकि पचमढ़ी में 23.8°C तापमान दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, बारिश थमने के बाद रात के तापमान में और गिरावट होगी, जिससे सर्दी का असर तेज महसूस होगा।
नवंबर से शुरू होगी ठंड, इस बार ज्यादा असर
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार ठंड सामान्य से अधिक पड़ने की संभावना है। नवंबर से लेकर जनवरी तक कड़ाके की ठंड रहेगी और इसका असर फरवरी तक भी जारी रह सकता है।
विभाग ने संकेत दिए हैं कि इस बार 2010 के बाद की सबसे तीखी सर्दी महसूस हो सकती है। साथ ही, “ला-नीना” की परिस्थितियों के कारण सर्दियों में सामान्य से अधिक बारिश भी हो सकती है।
विदा हो चुका मानसून, फिर भी बरस रहे बादल
हालांकि, मध्यप्रदेश से मानसून आधिकारिक रूप से 13 अक्टूबर को विदा हो चुका है। इस साल मानसून करीब 3 महीने 28 दिन सक्रिय रहा। लेकिन अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के सिस्टम के कारण अक्टूबर के आखिरी हफ्ते तक बारिश जारी है।
इस साल की मानसूनी अवधि को विभाग ने ‘हैप्पी एंडिंग’ बताया है।
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सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला रहा गुना (65.7 इंच)
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श्योपुर में औसत से 216.3% अधिक वर्षा दर्ज की गई
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जबकि शाजापुर में सबसे कम 28.9 इंच (81%) बारिश हुई
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कुल मिलाकर, प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान औसतन 115% बारिश हुई — यानी अनुमान से 15% ज्यादा।