आगरा में धीरेंद्र शास्त्री की धर्मसभा रद्द, प्रशासन ने दी भीड़ का हवाला: शास्त्री बोले- भारत के मुसलमान कन्वर्टेड, असली मुस्लिम विदेशी मुल्कों में!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

आगरा में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की धर्मसभा ऐन वक्त पर जिला प्रशासन ने रद्द कर दी। प्रशासन का कहना है कि आयोजन स्थल पर लगभग 5 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था थी, लेकिन 20 हजार से ज्यादा लोग पहुंच गए। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा कारणों से अनुमति वापस ले ली गई और कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।

धर्मसभा रद्द होने के बाद भी धीरेंद्र शास्त्री ने आगरा से रवाना होने से पहले बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि “भारत में जितने भी मुसलमान हैं, वे सब कन्वर्टेड हैं। असली मुसलमान तो विदेशी मुल्कों में रहते हैं। भारत में तीन हजार साल पहले सिर्फ सनातनी थे और हर मजहब के लोगों के पूर्वज भी सनातनी ही मिलेंगे।”

भीड़ के कारण कैंसिल हुआ कार्यक्रम

शनिवार को आगरा के राज देवम गार्डन में कार्यक्रम तय था। सुबह 11:30 बजे धीरेंद्र शास्त्री शहर पहुंचे और खंदारी क्षेत्र के पदम प्राइड अपार्टमेंट में यजमान परिवार के घर रुके। दोपहर 1 बजे उनका मंच पर आना तय था, लेकिन दोपहर तक स्थिति बिगड़ गई।
प्रशासन ने बताया कि तय क्षमता से चार गुना ज्यादा भीड़ जमा हो चुकी थी। किसी अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए अनुमति निरस्त कर दी गई।

धीरेंद्र शास्त्री ने वीडियो संदेश जारी कर कहा – “आज का उत्सव था, श्री हनुमान जी का चरित्र गाने का कार्यक्रम था। लेकिन प्रशासन ने कहा कि भीड़ बहुत ज्यादा है और कोई दिक्कत हो सकती है, इसलिए अनुमति निरस्त करनी पड़ी। हम यजमान के घर पर हैं, पर जल्द ही आगरा में फिर आएंगे और दिव्य दरबार लगाकर कथा करेंगे।”

धर्मसभा स्थगित होने के बाद धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयान में कहा कि सनातन का अर्थ है – जिसका न आदि है और न अंत। उन्होंने दावा किया कि भारत में जितने भी मुस्लिम रहते हैं, वे सभी कन्वर्टेड हैं। उनके मुताबिक, असली मुस्लिम केवल विदेशी देशों में पाए जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हर धर्म और मजहब के लोगों की जड़ें खंगालने पर उनके पूर्वज सनातनी ही निकलेंगे।

दूसरी सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की तैयारी

धीरेंद्र शास्त्री ने घोषणा की है कि वे 7 नवंबर से दूसरी “सनातन हिंदू एकता पदयात्रा” निकालेंगे। यह यात्रा दिल्ली से शुरू होकर 16 नवंबर को वृंदावन पहुंचेगी। करीब 170 किलोमीटर की इस यात्रा को 10 दिन में पूरा किया जाएगा।

पदयात्रा को “बागेश्वर–बांके बिहारी मिलन” का नाम दिया गया है। 1 सितंबर को वृंदावन में साधु-संतों के साथ बैठक में उन्होंने कहा था कि विदेशी ताकतें भारत को फिर से खंड-खंड करने की कोशिश कर रही हैं और सनातन पर लगातार हमले हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि लव जिहाद, लैंड जिहाद, थूक जिहाद और मूत्र जिहाद जैसी साजिशों से हिंदू समाज को निशाना बनाया जा रहा है। इसी के खिलाफ आवाज उठाने और हिंदुओं को एकजुट करने के लिए यह यात्रा आयोजित होगी।

“चार बच्चे – एक संघ के लिए, एक हिंदू राष्ट्र के लिए”

धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू एकता को लेकर कहा कि समाज से भाषावाद, जातिवाद और क्षेत्रवाद को खत्म करना ही उनका उद्देश्य है। उन्होंने विवादित बयान दिया कि हिंदुओं को केवल दो बच्चे नहीं, बल्कि चार बच्चे पैदा करने चाहिए – “एक संघ के लिए, एक हिंदू राष्ट्र के लिए और दो घर के लिए।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य तलवारों से युद्ध करना नहीं है, बल्कि विचारों से बदलाव लाना है। उन्होंने कहा कि कट्टर हिंदुत्व का मतलब किसी को मारना नहीं बल्कि गले लगाना और अपनी संस्कृति की रक्षा करना है।

धीरेंद्र शास्त्री इससे पहले भी हिंदू एकता पदयात्रा निकाल चुके हैं। पहली यात्रा 21 नवंबर 2023 को बागेश्वर धाम से शुरू हुई थी और 29 नवंबर को मध्यप्रदेश के ओरछा धाम में समापन हुआ था। यह यात्रा 160 किलोमीटर की थी, जिसमें लाखों समर्थक शामिल हुए। यात्रा के दौरान मंच से लगातार हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग और हिंदू एकता का आह्वान किया गया। आगरा में अचानक धर्मसभा का रुकना उनके लाखों समर्थकों के लिए निराशाजनक रहा, लेकिन अब सभी की निगाहें नवंबर में होने वाली दूसरी पदयात्रा पर टिकी हैं।

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