जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
बॉलीवुड के सुपरस्टार्स का जलवा सिर्फ फिल्मों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनके विज्ञापन भी दर्शकों पर जबरदस्त असर डालते हैं। लेकिन क्या हो अगर इन्हीं सितारों के प्रचार ने जनता को गुमराह किया हो? शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ अब कैमरे के सामने नहीं, बल्कि कोर्ट के कठघरे में खड़े होने वाले हैं।
राजस्थान की जयपुर और कोटा कंज्यूमर कोर्ट ने इन सुपरस्टार्स के साथ-साथ विमल पान मसाला के मालिक विमल कुमार अग्रवाल को भी तलब किया है। वजह? पान मसाला के विज्ञापन में ‘दाने-दाने में केसर का दम’ का दावा, जो कथित तौर पर झूठा साबित हो सकता है।
कैसे शुरू हुआ मामला?
जयपुर के वकील योगेंद्र सिंह बडियाल और कोटा के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि विमल पान मसाला में केसर नाम मात्र का भी नहीं है और यह सिर्फ लोगों को लुभाने और भ्रमित करने के लिए प्रचार किया जा रहा है। सवाल उठता है—अगर केसर है ही नहीं, तो फिर ‘केसर का दम’ कहकर करोड़ों की कमाई कैसे हो रही है?
5 मार्च को जयपुर कंज्यूमर कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई, और अगली पेशी 19 मार्च को होगी। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि आरोपी व्यक्तिगत रूप से या अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित नहीं होते, तो एकपक्षीय फैसला सुनाया जाएगा।
शिकायतकर्ता का दावा है कि इस झूठे विज्ञापन से जेबी इंडस्ट्रीज करोड़ों कमा रही है, लेकिन आम जनता को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। पान मसाला के नियमित सेवन से लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। शाहरुख, अजय और टाइगर जैसे सितारों की फैन फॉलोइंग इतनी जबरदस्त है कि उनके द्वारा प्रमोट किए गए ब्रांड पर लोग आंख मूंदकर भरोसा कर लेते हैं। लेकिन जब यह भरोसा झूठे वादों और गलत दावों की नींव पर टिका हो, तो इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बॉलीवुड के किंग और एक्शन स्टार्स कोर्ट में क्या रुख अपनाते हैं! क्या ये सितारे इस मामले से बच निकलेंगे, या फिर अदालत इन्हें कटघरे में खड़ा कर कोई कड़ा फैसला सुनाएगी?