मध्यप्रदेश में आसमान से आफ़त: 30 जिलों में मूसलधार बारिश, जनजीवन बेहाल; ग्वालियर-चंबल में रेड अलर्ट, भोपाल-इंदौर भी जलमग्न!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश इन दिनों भारी बारिश की चपेट में है। आसमान से बरस रही ये आफत अब कई जिलों के लिए मुसीबत बन चुकी है। सोमवार सुबह से ही राजधानी भोपाल सहित कई शहरों में मूसलधार बारिश का दौर जारी है। कई जिलों में सड़कें जलमग्न हैं, डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं, और स्कूलों में छुट्टी तक घोषित करनी पड़ी है। मौसम विभाग की चेतावनी और जमीनी हालात दोनों ही बता रहे हैं कि अगले कुछ दिन और भारी पड़ सकते हैं।

ग्वालियर-चंबल में बिगड़ते हालात, स्कूलों में छुट्टियां

ग्वालियर संभाग के जिलों—ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, अशोकनगर, गुना, निवाड़ी और टीकमगढ़—में अगले 24 घंटे बेहद भारी साबित हो सकते हैं। इन इलाकों में 200 मिमी यानी करीब साढ़े 8 इंच तक बारिश की संभावना जताई गई है। कई जगह स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है, ताकि बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम न हो।

डैम ओवरफ्लो, सड़कें तालाब में तब्दील

रविवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम सहित 30 से अधिक जिलों में जोरदार बारिश हुई। नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। राज्य के कई बड़े डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं, जिनमें तवा, इंदिरा सागर और बरगी डैम प्रमुख हैं। जलभराव के चलते ग्रामीण इलाकों का शहरों से संपर्क टूटने लगा है। सड़कों पर घुटनों तक पानी भरा है, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

तीन रंगों में बंटी चेतावनी: रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट

मौसम विभाग ने प्रदेश के लिए तीन स्तरों की चेतावनी जारी की है। मंदसौर, नीमच और रतलाम में रेड अलर्ट है, जहां अत्यधिक भारी बारिश के साथ वज्रपात की संभावना है। वहीं विदिशा, राजगढ़, बड़वानी, झाबुआ, धार, उज्जैन, आगर, शिवपुरी और श्योपुर जैसे जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, सागर, बालाघाट, जबलपुर, छतरपुर, सीहोर, खरगोन, सतना, रीवा सहित 40 से अधिक जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विभाग का अलर्ट: अगले 72 घंटे और भारी पड़ सकते हैं

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यह भारी बारिश का सिलसिला यहीं नहीं थमेगा। मध्यप्रदेश में अगले तीन दिनों तक इसी तरह का मौसम बना रहेगा। खासतौर पर मालवा-निमाड़, ग्वालियर-चंबल और मध्य भारत के हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। हालांकि, बुंदेलखंड में इसका असर थोड़ा हल्का हो सकता है, लेकिन वहां भी सतर्कता की जरूरत है।

सरकार सतर्क, लेकिन हालात बेकाबू

राज्य शासन की ओर से जिला प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। राहत दलों को तैनात किया गया है और NDRF की टीमें तैयार हैं, लेकिन हालात पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं है। जलभराव वाले इलाकों में नाव और ट्रैक्टर के जरिए लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। ग्रामीण अंचलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जबकि शहरों में ट्रैफिक पूरी तरह चरमराया हुआ है।

जनता से अपील: घर से न निकलें, सुरक्षित रहें

प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें। तेज बारिश और जलजमाव के कारण दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। बिजली गिरने की भी घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भय का माहौल है।

मध्यप्रदेश में फिलहाल राहत के आसार नहीं दिख रहे। मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश इस सप्ताह के अंत तक इसी तरह की बारिश झेलता रहेगा। ऐसे में आम जनता को सजग और सतर्क रहने की जरूरत है। बारिश अब केवल मौसम की बात नहीं रही, यह एक आपदा का रूप ले चुकी है — और इससे निपटने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा उपाय है।

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