337 टन जहरीले कचरे का निस्तारण विवादों में, यूनियन कार्बाइड कचरा निस्तारण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई फिर टली; अब 27 फरवरी को होगी सुनवाई

You are currently viewing 337 टन जहरीले कचरे का निस्तारण विवादों में, यूनियन कार्बाइड कचरा निस्तारण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई फिर टली; अब 27 फरवरी को होगी सुनवाई

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भोपाल गैस त्रासदी के बाद बचा खतरनाक कचरा अब भी चिंता का विषय बना हुआ है। यूनियन कार्बाइड के 337 टन जहरीले कचरे को जलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई एक बार फिर टल गई। अब यह मामला 27 फरवरी को पहले क्रम में सुना जाएगा।

दरअसल, सोमवार को राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में यह बताना था कि यदि पीथमपुर में कचरा जलाने के दौरान कोई अप्रिय घटना होती है, तो उसके पास इससे निपटने के क्या इंतजाम हैं? लेकिन न्यायमूर्ति बी.आर. गवई के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई आगे बढ़ गई। याचिकाकर्ता चिन्मय मिश्र ने तुरंत ही शीघ्र सुनवाई के लिए आवेदन प्रस्तुत कर दिया।

इससे पहले 17 फरवरी को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से विस्तृत जवाब मांगा था। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि पीथमपुर में कचरे का निस्तारण बेहद जोखिमभरा है, क्योंकि इसके आसपास कई गांव बसे हुए हैं। इन गांवों के निवासियों का जीवन और स्वास्थ्य खतरे में है। इतना ही नहीं, इस क्षेत्र के पास बहने वाली गंभीर नदी यशवंत सागर बांध को जल आपूर्ति करती है, जिससे बड़े पैमाने पर जलस्रोत प्रदूषित होने का खतरा है।

याचिका में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 3 दिसंबर 2024 और 6 जनवरी 2025 के आदेशों को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस आगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने इस पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है। अब सभी की निगाहें 27 फरवरी की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां इस महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दे पर बड़ा फैसला आ सकता है।

Leave a Reply