जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
देश में ओटीटी की दुनिया पर सरकार ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म को तत्काल प्रभाव से बैन कर दिया है। इन पर आरोप है कि ये एंटरटेनमेंट के नाम पर अश्लीलता और आपत्तिजनक कंटेंट धड़ल्ले से प्रसारित कर रहे थे। सरकार ने इस कार्रवाई को लेकर चार अलग-अलग कानूनों का हवाला दिया है और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) को निर्देश दिए हैं कि इन एप्स और वेबसाइट्स की पहुंच तुरंत ब्लॉक की जाए।
बैन की गई लिस्ट में ALTT, Ullu, देसी फ्लिक्स जैसे चर्चित नाम भी शामिल हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि ALTT को टीवी प्रोड्यूसर एकता कपूर ने 2017 में लॉन्च किया था, जबकि Ullu एप 2018 में IIT कानपुर के पासआउट विभु अग्रवाल द्वारा बनाया गया था। आज यही प्लेटफॉर्म OTT की आड़ में पोर्न जैसा कंटेंट परोसने के आरोप में कटघरे में खड़े हैं।
पहले भी हुई थी कार्रवाई, लेकिन असर नहीं
सरकार इससे पहले मार्च 2024 में 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म, 19 वेबसाइट, 10 एप्स और 57 सोशल मीडिया हैंडल्स पर बैन लगा चुकी है। बावजूद इसके, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता का प्रसार रुकने की बजाय और तेजी से बढ़ता गया। यही कारण है कि इस बार कार्रवाई और भी व्यापक और सख्त है।
ये हैं वो कानून जिनके तहत हुई कार्रवाई
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IT एक्ट 2000 की धारा 67: इंटरनेट पर अश्लील कंटेंट डालना या फैलाना अपराध है।
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धारा 67A: सेक्सुअल एक्टिविटी से जुड़ी कोई भी सामग्री इंटरनेट पर डालना गैरकानूनी है।
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BNS 2023 की धारा 294: सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील हरकतें या शब्दों का प्रयोग दंडनीय अपराध है।
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महिला अश्लीलता विरोध अधिनियम, 1986 की धारा 4: किसी भी महिला को आपत्तिजनक रूप में दिखाना गैरकानूनी है।
लॉकडाउन बना बूम का कारण, लेकिन दिशा भटकी
2020 के लॉकडाउन के दौरान जब लोग घरों में बंद थे, तब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को डिजिटल मनोरंजन का नया जरिया माना गया। पर ALTT, MX Player और Ullu जैसे प्लेटफॉर्म्स पर एडल्ट कंटेंट की बाढ़ आ गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2020 में MX प्लेयर पर एक एडल्ट कॉमेडी शो को महज एक दिन में 1.1 करोड़ बार स्ट्रीम किया गया था।
इसी रिपोर्ट में दावा किया गया कि मई 2020 में ALTBalaji की व्यूअरशिप में पिछले साल के मुकाबले 60% का इजाफा हुआ था, और इसके मंथली यूजर्स 21% तक बढ़ गए थे — वजह थी इसका एडल्ट कंटेंट।
क्या कहते हैं गाइडलाइंस?
भारत सरकार ने 2021 में ‘IT इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड’ लागू किया था, जिसे अप्रैल 2023 में अपडेट किया गया। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि:
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कंटेंट को आयु वर्ग के अनुसार वर्गीकृत करना अनिवार्य है।
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ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को ग्रीवांस ऑफिसर नियुक्त करना होगा।
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कंटेंट में सेक्सुअल हिंसा, एंटी-नेशनल विचार, महिला या बच्चों के प्रति आपत्तिजनक प्रस्तुति नहीं होनी चाहिए।
बता दें, भारत में ओटीटी और एप की आड़ में पोर्न इंडस्ट्री का पहला बड़ा भांडा उस वक्त फूटा जब 2021 में शिल्पा शेट्टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा को ‘HotShots’ नामक एक ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिए पोर्न बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह मामला पूरे देश में हड़कंप मचा चुका था और तब से लेकर अब तक सरकार कई बार संकेत देती रही है कि अश्लीलता को बढ़ावा देने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को बख्शा नहीं जाएगा।
देश में ओटीटी की शुरुआत और सफर
भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की शुरुआत 2008 में रिलायंस के ‘BigFlix’ से हुई थी। इसके बाद 2010 में ‘NextGTV’ नाम का मोबाइल ओटीटी एप आया। आईपीएल की स्ट्रीमिंग के चलते इनकी लोकप्रियता आसमान छूने लगी। 2015 में Hotstar ने लाइव क्रिकेट की स्ट्रीमिंग के जरिए बाजार पर कब्जा कर लिया और फिर SonyLIV, Zee5, Voot, और Netflix जैसे प्लेटफॉर्म्स ने डिजिटल मनोरंजन को एक नई ऊंचाई दी।
लेकिन इसी ऊंचाई का फायदा उठाकर कई छोटे प्लेटफॉर्म्स ने ‘एंटरटेनमेंट’ के नाम पर अश्लीलता परोसनी शुरू कर दी — और आज वही उनके बैन की सबसे बड़ी वजह बन गई है।