जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
दिल्ली स्थित संसद भवन परिसर में मंगलवार को एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) संसदीय दल की अहम बैठक आयोजित की गई। यह बैठक मानसून सत्र की शुरुआत के बाद पहली बार हुई, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी को आतंकवाद के खिलाफ दो अहम सैन्य अभियानों — ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव — की अभूतपूर्व सफलता के लिए सम्मानित किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री को फूलों की माला पहनाई और उपस्थित सांसदों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘हर हर महादेव’ के नारों के साथ उनके नेतृत्व की सराहना की।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में विपक्ष पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में चर्चा की मांग करके विपक्ष ने खुद ही अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली। “विपक्ष ऐसी बहसों के लिए रोज कहे, हम तैयार हैं। ये हमारा ही क्षेत्र है और हम इसमें माहिर हैं,” पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए कहा।
प्रधानमंत्री ने अमित शाह की भी खुलकर प्रशंसा की और उन्हें भारत का सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाला गृह मंत्री बनने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि शाह का निरंतर और सख्त नेतृत्व ही देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बना रहा है। वहीं, बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर पीएम ने साफ कहा कि “देश की जनता सब देख रही है, और झूठ ज्यादा दिन टिक नहीं सकता।”
बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर एनडीए सांसदों ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास किया। इसमें कहा गया कि भारत ने आतंकवादियों के खिलाफ न्याय किया और यह प्रधानमंत्री के निर्णायक नेतृत्व और सेना की अदम्य वीरता का परिणाम है। प्रस्ताव में यह भी स्पष्ट किया गया कि भारत न आतंक को भूलता है और न ही माफ करता है।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत हो गई थी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। आधिकारिक तौर पर सेना ने रात 1:51 बजे यह घोषणा की कि “इंसाफ हो गया।” इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के अंदर स्थित 9 आतंकी लॉन्च पैड्स तबाह किए गए और 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया। साथ ही पाकिस्तान के कई एयरबेस को भी लक्षित किया गया।
इसके बाद, 28 जुलाई को श्रीनगर में ऑपरेशन महादेव को अंजाम दिया गया। यह मुठभेड़ पहलगाम हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के तीन प्रमुख आतंकियों — सुलेमान, अफगान और जिब्रान — के खिलाफ थी। इनकी पहचान पाकिस्तानी वोटर कार्ड और चॉकलेट बार्स जैसे चौंकाने वाले सबूतों के आधार पर की गई, जिनका इस्तेमाल ये आतंकवादी छिपने के लिए करते थे।
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में खुलासा किया कि ऑपरेशन महादेव दरअसल 3 महीने पहले शुरू हो गया था और इसे गोपनीयता से अंजाम तक पहुंचाया गया। यह आतंकवाद के खिलाफ भारत की दीर्घकालिक योजना का हिस्सा था और इसे सफल बनाकर सुरक्षा एजेंसियों ने दुश्मनों को स्पष्ट संदेश दे दिया है।