जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में, दिल का स्वास्थ्य सबसे अधिक खतरे में है। हर साल लाखों लोग हार्ट अटैक की चपेट में आकर अपनी ज़िंदगी गंवा बैठते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि हार्ट अटैक से पहले आने वाले शुरुआती संकेतों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो जान बचाई जा सकती है?
विशेषज्ञों का मानना है कि दिल का दौरा अचानक नहीं आता — इसके पहले शरीर कई तरह के संकेत भेजता है, जिन्हें हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं।
कैसे होता है हार्ट अटैक?
गुरुग्राम स्थित आर्टेमिस अस्पताल के क्लिनिकल कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ, डॉ. राहुल मेहरोत्रा बताते हैं कि हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों तक पहुंचने वाली रक्त आपूर्ति किसी वजह से रुक जाती है — आमतौर पर यह किसी ब्लॉकेज के कारण होता है। खून के साथ मिलने वाली ऑक्सीजन जब दिल को नहीं मिल पाती, तो हृदय की गति रुकने का खतरा बढ़ जाता है। यह स्थिति जानलेवा बन सकती है अगर समय पर इलाज न मिले।
हार्ट अटैक के तीन अहम शुरुआती लक्षण:
1. सीने में दबाव या खिंचाव महसूस होना:
यह सबसे आम और शुरुआती लक्षणों में से एक है। पीड़ित को ऐसा लग सकता है कि कोई चीज़ सीने को जोर से दबा रही है। दर्द कभी हल्का तो कभी तीव्र हो सकता है, और यह गर्दन, जबड़े, कंधे या पीठ तक फैल सकता है। अगर यह अनुभव बार-बार हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
2. सांस उखड़ना या अचानक थकान:
अगर थोड़ी दूर चलने या सीढ़ियां चढ़ने पर ही सांस फूलने लगे, तो यह चिंता का विषय है। यह संकेत देता है कि दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही। खासकर अगर यह लक्षण पहले नहीं थे और अब नियमित हो रहे हैं, तो ये संकेत किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा कर सकते हैं।
3. बिना वजह थकावट और जी मिचलाना:
अगर आप किसी काम को किए बिना भी जल्दी थकने लगे हैं, या बिना किसी स्पष्ट कारण के मतली महसूस कर रहे हैं, तो इसे भी हल्के में न लें। यह संकेत हृदय की कार्यक्षमता में कमी और नसों में ब्लॉकेज की ओर इशारा कर सकते हैं। महिलाओं में खासतौर पर यह लक्षण आम हैं — जैसे उल्टी होना, कंधे या पीठ में दर्द, और रात में अत्यधिक पसीना आना।
महिलाओं में लक्षण हो सकते हैं अलग
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर पारंपरिक संकेतों से अलग हो सकते हैं। कई बार उन्हें सीने में दर्द नहीं होता, लेकिन असहजता, असामान्य थकान, या पीठ व कंधों में लगातार दर्द महसूस होता है। इसी वजह से महिलाओं में हार्ट अटैक की पहचान देर से होती है, जो जान को जोखिम में डाल सकती है।
बचाव ही सबसे बेहतर इलाज
दिल की बीमारियों से बचाव के लिए जीवनशैली में बदलाव सबसे ज़रूरी है। समय पर नियमित जांच कराना, ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल को नियंत्रण में रखना, धूम्रपान और अत्यधिक शराब से बचना, और हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि — ये सभी दिल को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी कदम हैं।
समय पर इलाज ही जीवन का सहारा
कई बार हार्ट अटैक के लक्षण अचानक और तीव्र हो सकते हैं। ऐसे में समय पर मेडिकल सहायता मिलना जीवन और मृत्यु के बीच का फर्क तय करता है। अगर किसी व्यक्ति को अचानक तेज़ सीने में दर्द हो, पसीना आ रहा हो, सांस लेने में परेशानी हो रही हो — तो उसे तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी बीमारी से संबंधित निर्णय या उपचार शुरू करने से पहले योग्य डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।