जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश के इंदौर से एक गंभीर और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक वीडियो में दो युवक भारत विरोधी नारे लगाते और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में युवक “पाकिस्तान जिंदाबाद” और “एक रात में पूरा भारत साफ” जैसे अत्यंत भड़काऊ और देशद्रोही नारे लगाते सुने जा सकते हैं। यह वीडियो अब न केवल सोशल मीडिया पर वायरल है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
वीडियो वायरल होते ही मचा हड़कंप, करणी सेना का विरोध प्रदर्शन
वीडियो सामने आने के बाद करणी सेना ने इस घटना का तीखा विरोध किया और गांधीनगर थाने में FIR दर्ज करवाई। शिकायत में युवकों पर देशद्रोह, सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने और प्रधानमंत्री का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वीडियो बनाने वाले युवक की पहचान मोहम्मद जावेद के रूप में हुई है, जो इंदौर के गांधीनगर इलाके में एक मेट्रो कंस्ट्रक्शन कंपनी में कार्यरत है।
करणी सेना के कुछ कार्यकर्ताओं ने वीडियो के वायरल होते ही जावेद के घर जाकर मारपीट भी की, जिसके बाद इलाके में तनाव की स्थिति बन गई। पुलिस ने तत्काल स्थिति को काबू में लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने तुरंत दर्ज किया केस, गंभीर धाराएं लगाईं
गांधीनगर पुलिस ने मोहम्मद जावेद और उसके साथियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 196 और 353 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि वीडियो व्हाट्सएप के जरिए कुछ लोगों तक पहुंचा, जिन्होंने इसे देखने के बाद तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस वीडियो को किस उद्देश्य से बनाया गया, और इसमें कितने अन्य लोग शामिल थे। साथ ही, पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जावेद और उसका साथी कहीं किसी बाहरी संगठन या कट्टरपंथी समूह से तो नहीं जुड़े थे।
मेयर ने मांगा मजदूरों का सत्यापन, उठाया बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह केवल एक वीडियो का मामला नहीं है, बल्कि यह आंतरिक सुरक्षा और देश विरोधी तत्वों की घुसपैठ का बड़ा संकेत है। उन्होंने मांग की कि सभी मजदूरों और कारीगरों का पुलिस सत्यापन किया जाए और जो लोग बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे हैं, उन्हें तुरंत डिटेक्ट कर देश से डिपोर्ट किया जाए।
मेयर ने इस तरह की घटनाओं को अवैध कब्जों, आर्थिक नुकसान और सामुदायिक सौहार्द पर खतरे के रूप में बताया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि अब भी प्रशासन सतर्क नहीं हुआ, तो आने वाले समय में शहर और देश की शांति को गहरा खतरा हो सकता है।
पहले भी सामने आ चुकी है ऐसी घटना
गौरतलब है कि हाल ही में इंदौर से ही एक और मामला सामने आया था, जहां ट्रेन में बैठे एक युवक की पिटाई इसलिए कर दी गई क्योंकि वह पहलगाम आतंकी हमले की वीडियो देख रहा था। इस घटना पर रेलवे ने 26 घंटे के भीतर FIR दर्ज की थी। यह स्पष्ट संकेत है कि शहर में धार्मिक और राजनीतिक भावनाएं भड़काने की कोशिशें लगातार हो रही हैं।