स्कूल बस सुरक्षा पर इंदौर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 25 सख्त नियम लागू; 12 साल पुरानी स्कूल बसें चलाने पर भी लगी रोक

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्य प्रदेश के इंदौर हाईकोर्ट ने स्कूल बसों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। यह फैसला 2018 के डीपीएस बस हादसे के बाद दायर याचिकाओं पर आया, जिसमें चार मासूम बच्चों और ड्राइवर की जान चली गई थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को 25 बिंदुओं पर सख्ती से अमल करने के निर्देश दिए हैं।

इन निर्देशों के तहत केवल अनुभवी ड्राइवर ही स्कूल बस चला सकेंगे, जिनका रिकॉर्ड साफ होगा। बस में सिर्फ विद्यार्थी सफर कर सकेंगे, बाहरी व्यक्ति की अनुमति नहीं होगी। हर बस में अभिभावक या शिक्षक सुरक्षा निगरानी के लिए मौजूद रहेंगे। स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए, खिड़कियों पर जालीदार ग्रिल और स्पीड गवर्नर अनिवार्य होंगे। व्यक्तिगत ऑटो-रिक्शा में चार से अधिक विद्यार्थी नहीं बैठ सकेंगे।

बात दें, इन नियमों के पालन की जिम्मेदारी आरटीओ, एसपी और ट्रैफिक डीएसपी को दी गई है। हाईकोर्ट का यह फैसला बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने और स्कूल प्रशासन को जवाबदेह बनाने की दिशा में अहम कदम है।

हाईकोर्ट का फैसला

जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को स्कूल बसों की सुरक्षा के लिए 25 बिंदुओं पर अमल करने के निर्देश दिए हैं।

फैसले के अहम बिंदु

ड्राइवर की सख्त जांच:

ऐसे ड्राइवर को नौकरी पर नहीं रखा जाएगा, जिसका चालान साल में दो बार सिग्नल तोड़ने, तेज गति या शराब पीकर गाड़ी चलाने पर कटा हो।
ड्राइवर के पास कम से कम 5 साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए।

बस में केवल विद्यार्थी:

बस में सिर्फ विद्यार्थी सफर कर सकेंगे, बाहरी व्यक्ति की अनुमति नहीं होगी।
व्यक्तिगत ऑटो-रिक्शा में केवल चार विद्यार्थी ही बैठ सकेंगे।

अभिभावक और शिक्षक की भागीदारी:

बस में अभिभावक या स्कूल के शिक्षक सुरक्षा नियमों की निगरानी के लिए यात्रा कर सकते हैं।
प्रत्येक स्कूल को एक वरिष्ठ शिक्षक या कर्मचारी को वाहन प्रभारी नियुक्त करना होगा।

स्कूल बसों के लिए विशेष नियम:

बस का रंग पीला होना चाहिए और उस पर “स्कूल बस” या “ऑन स्कूल ड्यूटी” लिखा होना जरूरी है।
बस पर स्कूल का नाम, पता और वाहन प्रभारी का मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए।
बस की खिड़कियों पर जालीदार ग्रिल होनी चाहिए, और शीशों पर पर्दे या रंगीन फिल्म की अनुमति नहीं होगी।

फिटनेस और स्पीड गवर्नर:

बस का फिटनेस सर्टिफिकेट, बीमा, प्रदूषण प्रमाण पत्र, और टैक्स भुगतान प्रमाण अनिवार्य होगा।
हर बस में स्पीड गवर्नर लगाया जाएगा।
12 साल से पुरानी बसों का संचालन पूरी तरह प्रतिबंधित होगा।

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