जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
यह घटना जबलपुर जिले के इतिहास में संभवतः अब तक की सबसे बड़ी और सबसे साहसी दिनदहाड़े लूट मानी जा रही है। सोमवार सुबह खितौला थाना क्षेत्र के सिहोरा मेन रोड पर स्थित इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक की शाखा में मात्र 18 मिनट के भीतर पांच नकाबपोश लुटेरों ने 14.5 करोड़ रुपए मूल्य का सोना और 5 लाख रुपए नकद लूटकर पुलिस और बैंक प्रशासन दोनों को सकते में डाल दिया। इस पूरी वारदात की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इसे इतनी सफाई से अंजाम दिया गया कि शुरुआत में बैंककर्मी भी समझ नहीं पाए कि उनके सामने डकैती हो रही है।
सुबह करीब 8:57 बजे, तीन बाइकों पर सवार पांच लुटेरे ब्लैक हेलमेट और चेहरे ढके हुए हालत में बैंक में दाखिल हुए। शुरुआती पलों में कर्मचारियों को लगा कि वे ग्राहक हैं, लेकिन कुछ ही सेकंड में हालात बदल गए। एक बदमाश सीधा मैनेजर अंकित सोनी के पास पहुंचा और कट्टा दिखाकर चेतावनी दी—“बैंक में डकैती पड़ रही है, आवाज उठाई तो गोली मार दूंगा।” इसके बाद उन्होंने लॉकर की चाबियां मांगीं, जो दो अलग-अलग अधिकारियों के पास थीं। चाबियां हासिल होते ही लुटेरे सोना निकालने में जुट गए।
लुटेरों ने कर्मचारियों को कट्टे की नोक पर धमकाते हुए सोना बैग में भरने में उनकी मदद करने को मजबूर किया। जब कर्मचारियों की गति धीमी लगी, तो उन्होंने खुद तेजी से जेवरात पैक करना शुरू कर दिया। इस दौरान उनकी नजर कैश काउंटर पर रखे 5 लाख रुपए पर भी पड़ी, जिसे उन्होंने तुरंत उठा लिया। पूरी लूट के बाद सभी बैंक कर्मचारियों को अलग-अलग बाथरूम में बंद कर दिया गया और लुटेरे तीन बाइकों से फरार हो गए।
पुलिस जांच में सामने आया कि बैंक में करोड़ों रुपए का सोना मौजूद होने के बावजूद सुरक्षा के नाम पर लगभग कुछ भी नहीं था—न सिक्योरिटी गार्ड, न चैनल गेट, और न ही अन्य आधुनिक सुरक्षा उपकरण। बैंक मुख्य सड़क पर स्थित होने के कारण लुटेरों का अंदर आना आसान हो गया। हैरानी की बात यह भी है कि जहां अन्य बैंक सुबह 10:30 बजे खुलते हैं, वहीं यह बैंक सुबह 7 बजे से संचालन शुरू कर देता है, जिससे वारदात को अंजाम देने के लिए लुटेरों के पास भीड़ से बचते हुए पर्याप्त समय था।
घटना की गंभीरता को देखते हुए जबलपुर, कटनी, दमोह, मंडला और डिंडौरी जिलों की पुलिस अलर्ट कर दी गई है। 15 थानों की पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमें मिलकर 100 से ज्यादा CCTV कैमरों की फुटेज खंगाल रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। सभी लुटेरे ब्लैक हेलमेट में थे, जिससे पहचान बेहद मुश्किल हो रही है। पुलिस अब उन दुकानों की भी जांच कर रही है जहां हाल ही में एक साथ 5 हेलमेट खरीदे गए हों।
पुलिस के मुताबिक, लॉकर में रखा पूरा सोना ग्राहकों का था और 14.5 करोड़ रुपए के इस सोने का बीमा भी कराया गया था। हालांकि इस घटना के बाद बैंक प्रबंधन की लापरवाही पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। इतनी बड़ी रकम और कीमती जेवरात होने के बावजूद सुरक्षा इंतजाम न होना एक बड़ी चूक है, जो लुटेरों के लिए वारदात को आसान बना गई। फिलहाल पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है इन लुटेरों की पहचान और गिरफ्तारी, ताकि जिले के लोगों में फैले भय का अंत हो सके।