मैनचेस्टर टेस्ट में जसप्रीत बुमराह की धीमी गेंदबाज़ी से उठे संन्यास के सवाल, मोहम्मद कैफ की भविष्यवाणी ने मचाया क्रिकेट जगत में हड़कंप; कैफ बोले – शायद अब टेस्ट में न दिखें!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मैनचेस्टर टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय टीम को उस समय करारा झटका लगा, जब इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने भारतीय तेज गेंदबाजी को पूरी तरह बेबस कर दिया। गेंदबाज़ी आक्रमण की अगुवाई कर रहे जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन उम्मीदों के बिल्कुल उलट रहा। न सिर्फ विकेट लेने में वह असफल रहे, बल्कि उनकी गेंदबाजी में वह धार और रफ्तार भी नजर नहीं आई, जिसके लिए वे जाने जाते हैं।

तीसरे दिन जसप्रीत बुमराह ने 28 ओवर गेंदबाजी की और 95 रन लुटा कर केवल एक विकेट निकाल पाए। इससे भी ज्यादा हैरानी की बात ये रही कि मैच के दौरान कुछ समय के लिए उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा। इसने एक बार फिर उनकी फिटनेस को लेकर पुराने सवालों को हवा दे दी है। क्या बुमराह अब अपने शरीर के साथ संघर्ष कर रहे हैं? क्या वह पहले जैसे आक्रामक और फिट गेंदबाज नहीं रहे?

इसी बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ का एक बयान सामने आया है, जिसने क्रिकेट प्रेमियों के बीच हलचल मचा दी है। कैफ ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट कर बुमराह को लेकर बड़ी बात कह दी। उन्होंने कहा कि यदि जसप्रीत बुमराह आने वाले मैचों में भी अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, तो संभव है कि वे टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दें।

कैफ का तर्क केवल आंकड़ों पर आधारित नहीं था, बल्कि उन्होंने बुमराह की गेंदबाजी स्पीड में आई गिरावट को भी आधार बनाया। आमतौर पर 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद डालने वाले बुमराह, मैनचेस्टर टेस्ट में 130-135 किमी/घंटा की गति तक सीमित रहे। कुछ गेंदें तो महज़ 125 किमी/घंटा की रफ्तार से भी डाली गईं, जो बुमराह के स्तर के गेंदबाज के लिए चिंताजनक संकेत है।

कैफ ने कहा, “मुझे लगता है कि बुमराह अब टेस्ट मैचों में नहीं दिखेंगे। हो सकता है वह जल्द ही इस फॉर्मेट को अलविदा कह दें। उनके शरीर की सीमाएं अब सामने आने लगी हैं। विकेट न मिलना अलग बात है, लेकिन उनकी गति में गिरावट साफ तौर पर बताती है कि अब वह अपनी शारीरिक सीमाओं से जूझ रहे हैं।”

बात केवल गेंदबाजी की गति या विकेटों की नहीं है, बल्कि मानसिक और शारीरिक थकान की भी है। बुमराह पिछले कुछ सालों में भारत के सबसे भरोसेमंद गेंदबाजों में रहे हैं — उन्होंने सभी फॉर्मेट्स में टीम को सफलता दिलाई, वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया और विदेशी पिचों पर भी टीम को जीत दिलाई। लेकिन इतनी निरंतरता और भार कहीं न कहीं शरीर पर असर जरूर डालता है।

कैफ ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी यह भविष्यवाणी महज़ अंदाजा है, और वे खुद चाहते हैं कि यह गलत साबित हो। उन्होंने कहा, “मैं बुमराह के जज्बे और मेहनत को जानता हूं। लेकिन अब लगता है कि शरीर उनका साथ नहीं दे रहा। टेस्ट क्रिकेट लंबा और कठिन होता है, और अगर वह महसूस करते हैं कि वह इसमें 100 प्रतिशत नहीं दे पा रहे हैं, तो शायद वे खुद इस फॉर्मेट से दूरी बना लें।”

यह बात और भी चिंता बढ़ाती है कि रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी पहले ही टेस्ट से आंशिक या पूर्ण दूरी बना चुके हैं। ऐसे में अगर बुमराह भी इस राह पर चले जाते हैं, तो भारत को अपने टेस्ट प्लान को फिर से गहराई से सोचना पड़ेगा।

भविष्य क्या है, ये बुमराह ही तय करेंगे। लेकिन मैनचेस्टर टेस्ट ने जो तस्वीर पेश की है, वो न केवल भारतीय टीम प्रबंधन के लिए चिंता का विषय है, बल्कि लाखों क्रिकेट प्रेमियों के लिए भी निराशाजनक संकेत है।

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