जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया :
मध्यप्रदेश में एक नया नियम लागु किया गया है, जिसके बाद प्रदेश की न्यायिक प्रक्रिया और अधिक सुगम और प्रभावी बन जाएगी।
बता दें की, अब समन और वारंट ऑनलाइन माध्यमों जैसे व्हाट्सएप, ई-मेल, और टेक्स्ट मैसेज के जरिए भेजे जाएंगे और उन्हें तामील माना जाएगा मध्यप्रदेश के गृह विभाग ने इस नए नियम को लागू करने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी किया है। वहीं, इस नए नियम के लागू होने के साथ ही मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जहां न्यायिक प्रक्रिया में डिजिटल तकनीक का प्रयोग किया जाएगा।
सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है और डिजिटल युग में न्याय व्यवस्था को और सशक्त बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस नए नियम के लागू होने से न्यायिक प्रक्रियाओं में समय और संसाधनों की बचत होगी, साथ ही अदालती आदेशों की तामील अधिक प्रभावी ढंग से की जा सकेगी।
वहीं, उज्जैन में बालयोगी संत उमेशनाथ महाराज के वाल्मिकी आश्रम पहुँचे मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस संबंध में कहा कि ‘मध्य प्रदेश सरकार ने सभी प्रकार के समन इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से देने का निर्णय लिया है। यह देश में पहली बार किया जा रहा है…मैं इसके लिए संबंधित विभाग को बधाई देता हूं।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘आज मैं महर्षि वाल्मिकी आश्रम आया हूं जहां वाल्मिकी समाज के लोग आते हैं। यह स्थान अब ‘तीर्थ’ के रूप में विकसित हो रहा है। मैंने पंजाब, झाँसी और महाराष्ट्र के ‘निशानों’ की पूजा की। उज्जैन वीरों की धरती है और इस परंपरा को बनाए रखने में महाराज जी का बड़ा योगदान है।’