जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश की सियासत इस वक्त एक बड़े तूफान से गुजर रही है। प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह अपने कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए विवादित बयान को लेकर बुरी तरह घिर चुके हैं। हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर शाह पर FIR दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं, पार्टी के अंदर विरोध के स्वर उठने लगे हैं, लेकिन इसके बावजूद फिलहाल उनका इस्तीफा टाल दिया गया है।
बुधवार को बेंगलुरु से लौटने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ सीएम हाउस में लंबी बैठक की। बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि फिलहाल विजय शाह को कुछ समय का मोहलत दिया गया है, ताकि वे अदालत में अपनी बात रख सकें। कहा जा रहा है कि मंत्री शाह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी में हैं और संगठन से भी यही गुज़ारिश की है कि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका मिले।
दरअसल, मंत्री विजय शाह के विवादित बयान ने पूरे देश को झकझोर दिया। इंदौर के महू विधानसभा क्षेत्र के रायकुंडा गांव में हलमा कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा,
“जिन लोगों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा, मोदी जी ने उन्हीं की बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी कराई।”
यह बयान सीधे तौर पर भारतीय सेना की बहादुर महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के सम्मान पर सवाल था, जिन्होंने देश के लिए अभूतपूर्व सेवा दी है। शाह के इस बयान की हर तरफ आलोचना हो रही है। विपक्ष जहां उनके बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग कर रहा है, वहीं बीजेपी के भीतर भी यह मामला आंतरिक संकट बन चुका है।
हालांकि, बयान की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने मध्यप्रदेश संगठन से पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने इस बयान को गंभीर अनुशासनहीनता माना है और नाराजगी जताई है। वहीं, बुधवार को हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मंत्री शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंदौर जिले के मानपुर थाना क्षेत्र में ही शाह ने यह बयान दिया था, इसलिए मानपुर थाने में केस दर्ज होने की संभावना है।
इस बीच शाह ने फेसबुक वीडियो के ज़रिए दूसरी बार माफी मांगी। वीडियो में वे कहते हैं:
“मेरे बयान से जो समाज आहत हुआ, मैं दिल से माफी मांगता हूं। मेरी मंशा गलत नहीं थी, लेकिन शब्दों की चूक हो गई। कर्नल सोफिया हमारी सगी बहन जैसी हैं, मैं उनका और सेना का सम्मान करता हूं।”
शाह की यह सफाई भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को संतुष्ट नहीं कर पा रही है। बुधवार को शाह, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने दोनों से माफी मांगते हुए आगे से सतर्क रहने का भरोसा दिया। शाह बुधवार को खंडवा के हरसूद क्षेत्र में सरकारी कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद रात 8.30 बजे भोपाल रवाना हुए। यह भी संकेत है कि भोपाल में अगले 24 घंटे में कोई बड़ा फैसला हो सकता है। सूत्रों का मानना है कि यदि केंद्रीय नेतृत्व का दबाव बढ़ा, तो शाह को इस्तीफा देना ही पड़ सकता है।