स्वच्छता में फिर छाया मध्यप्रदेश: इंदौर बना नंबर वन, उज्जैन, देवास और बुधनी ने भी बढ़ाया राज्य का गौरव!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश ने एक बार फिर स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता साबित की है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में राज्य के कई शहरों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित स्थान हासिल किए हैं। इस सर्वे की सुपर स्वच्छ लीग सिटी कैटेगरी में, 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में इंदौर ने एक बार फिर देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। यह कोई सामान्य उपलब्धि नहीं, बल्कि लगातार स्वच्छता में उत्कृष्ट प्रदर्शन की गवाही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव को यह सम्मान प्रदान किया गया।

इस बड़ी जीत के बाद इंदौर में खुशी की लहर दौड़ गई। पूरे शहर में रंग-गुलाल उड़ाए गए, आतिशबाजी की गई और लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया। यह केवल एक शहर की जीत नहीं, बल्कि जनभागीदारी, जनजागरूकता और जनप्रतिनिधियों की प्रतिबद्धता की जीत है।

सिर्फ इंदौर ही नहीं, मध्यप्रदेश के अन्य शहरों ने भी इस वर्ष के सर्वेक्षण में शानदार उपस्थिति दर्ज कराई। 3 से 10 लाख आबादी वाले शहरों की कैटेगरी में उज्जैन ने देशभर में चौथा स्थान प्राप्त किया है। यह महाकाल नगरी के लिए गौरव की बात है, जो न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के लिए जानी जाती है, बल्कि अब स्वच्छता के क्षेत्र में भी एक मिसाल बन रही है।

इसी प्रकार, 50 हजार से 3 लाख आबादी की श्रेणी में देवास ने टॉप रैंकिंग प्राप्त कर प्रदेश की स्वच्छता छवि को और मजबूत किया है। वहीं, 20 हजार से कम आबादी वाली श्रेणी में शाहगंज ने देशभर में तीसरा स्थान और बुधनी ने पांचवां स्थान हासिल किया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि मध्यप्रदेश का शहरी और अर्धशहरी दोनों ही स्तरों पर स्वच्छता के प्रति दृष्टिकोण गंभीर और प्रभावशाली रहा है।

सामान्य स्वच्छता रैंकिंग में अहमदाबाद देश में पहले और भोपाल दूसरे स्थान पर रहा, जो राजधानी शहर के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इसके अलावा जबलपुर ने देशभर में पांचवां और ग्वालियर ने 14वां स्थान प्राप्त किया है।

यह गौरवशाली प्रदर्शन दर्शाता है कि मध्यप्रदेश अब केवल विकास या धार्मिक पर्यटन में ही नहीं, बल्कि स्वच्छता जैसे संवेदनशील और ज़मीनी मुद्दों में भी देशभर का नेतृत्व कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और शहरी विकास विभाग की योजनाओं व सख्ती से क्रियान्वयन ने प्रदेश की इस प्रतिष्ठा को नई ऊँचाई दी है।

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