जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आज एक विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 4000 पौधे लगाए गए। इस पर्यावरणीय मुहिम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक अशोक पांडे, सामाजिक न्याय मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, भोपाल की मेयर मालती राय, विधायक भगवानदास सबनानी समेत भोजपाल मित्र संस्था के कई कार्यकर्ता भी सक्रिय रूप से शामिल रहे।
इस अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने स्वयं बेलपत्र का पौधा रोपा। कार्यक्रम के समापन पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे केवल पौधे न लगाएं, बल्कि जब तक वह बड़ा न हो जाए, तब तक उसकी देखरेख और संरक्षण भी सुनिश्चित करें। उन्होंने इस अभियान को सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व का हिस्सा बताते हुए इसे जन-आंदोलन में बदलने का आह्वान किया।
वहीँ, मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम संबोधित करते हुए कहा कि भोपाल नगर क्षेत्र में कुल मिलाकर 5100 पौधे रोपे जाने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने प्रकृति और मानव जीवन के गहरे संबंध की बात करते हुए कहा कि पृथ्वी पर जीवन वृक्षों के बिना संभव नहीं है। ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के बीच का संतुलन प्रकृति की एक ऐसी चक्र प्रणाली है, जो पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखती है।
डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश की वन संपदा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में अगर सबसे अधिक वन क्षेत्र किसी राज्य में है, तो वह मध्यप्रदेश है – और यह राज्य के लिए गर्व की बात है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कई जगहों पर मानवीय गलतियों की वजह से प्रकृति को नुकसान पहुँचा है, और अब समय है कि हम उन त्रुटियों को पौधारोपण के माध्यम से सुधारें।
मुख्यमंत्री ने आगे सनातन परंपरा से इस अभियान को जोड़ते हुए एक मार्मिक दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने कहा कि वृक्षों से हमारे भावनात्मक संबंध रक्षाबंधन जैसे पर्वों में साफ नजर आते हैं, जहाँ बहनें अपने घर-आंगन में लगे पौधों को राखी बाँधती हैं – यह दर्शाता है कि वृक्ष सिर्फ प्रकृति का हिस्सा नहीं, बल्कि हमारे परिवार का अभिन्न अंग हैं।