जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
करीब 9 घंटे तक मौन धरने पर बैठने के बाद, आखिरकार झोपड़ी वाले विधायक कमलेश्वर डोडियार देर रात 9 बजे धरने से उठ गए। यह घटना मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन हुई, जब डोडियार ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने अनिश्चितकालीन मौन धरना शुरू किया। उनका विरोध एक डॉक्टर द्वारा गालियां दिए जाने से जुड़ा था। डोडियार का कहना था कि सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की और इसके बजाय उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेज दिया गया।
डोडियार ने विधानसभा में दो बार स्थगन प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया, और जब उन्होंने बोलने की कोशिश की, तो उनका माइक बंद कर दिया गया और इसके विरोध में उन्होंने यह धरना शुरू किया। इस धरने में कांग्रेस के विधायकों ने भी उनका समर्थन किया।
हालांकि, रात में मंत्री विश्वास सारंग ने डोडियार से मुलाकात की और उन्हें समझाया, जिसके बाद विधायक ने अपना धरना खत्म किया। फिर, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात करके डोडियार ने रतलाम जिले के कलेक्टर और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। अध्यक्ष ने उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें सदन में बोलने का मौका मिलेगा और माइक बंद करने का आरोप भी नकारते हुए, माइक चालू रखने की बात कही।
डोडियार का कहना है कि अगर सदन में उनकी बात नहीं सुनी गई, तो वह सदन में ही अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ जाएंगे।