जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
इंदौर रविवार को दो बड़े आयोजनों का गवाह बना, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने शहर में एक दिवसीय दौरे पर पहुंचकर सामाजिक सद्भाव और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। शनिवार देर रात इंदौर पहुंचे डॉ. भागवत का ठहराव रामबाग स्थित सुदर्शन कार्यालय पर रहा, जहां से उन्होंने सुबह 9 बजे ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित सामाजिक सद्भाव बैठक में भाग लिया।
इस बैठक में इंदौर-उज्जैन संभाग के विभिन्न समाजों के प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। यह पहली बार था जब प्रांत स्तर की ऐसी बैठक इंदौर में आयोजित हुई। मालवा प्रांत की करीब 180 जाति-समुदायों को चिह्नित कर उनके प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित किया गया, ताकि सभी समाज एक मंच पर आकर आपसी समन्वय और सहयोग पर विचार कर सकें। बैठक के दौरान डॉ. भागवत ने संघ के पंच परिवर्तन — स्वदेशी जीवनशैली, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक अनुशासन और सामाजिक समरसता — पर मार्गदर्शन दिया और कार्यकर्ताओं से इन क्षेत्रों में किए गए प्रयासों की जानकारी ली।
बैठक का उद्देश्य केवल संवाद तक सीमित नहीं था, बल्कि एक साझा संकल्प भी था कि सभी जाति और समुदाय मिलकर भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाएं। मालवा प्रांत के सामाजिक सद्भाव संयोजक दिनेश गुप्ता ने कहा कि “यह आयोजन सभी समाजों के बीच विश्वास, एकता और संगठन की भावना को मजबूत करेगा।”
शाम के समय, डॉ. भागवत श्री गुरुजी सेवा न्यास द्वारा निर्मित कैंसर केयर सेंटर के उद्घाटन में पहुंचे। करीब 96 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा यह हॉस्पिटल दो चरणों में तैयार होगा। पहले चरण में 26 करोड़ रुपए की लागत से दो बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और तीन मंजिलों का निर्माण पूरा किया गया है। उद्घाटन इसी पहले चरण का हुआ, जबकि दूसरे चरण में अत्याधुनिक मशीनरी और अतिरिक्त सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। परियोजना पूरी तरह जनभागीदारी और CSR फंडिंग से साकार हो रही है, जिसमें कई कंपनियों और समाजसेवियों ने उदार योगदान दिया है।
इस वर्ष यह डॉ. भागवत का इंदौर में तीसरा दौरा है। इससे पहले वे 3 जनवरी को संघ शताब्दी कार्यक्रम ‘स्वर शतकम’ और 13 जनवरी को देवी अहिल्या राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में शामिल हो चुके हैं। अपने पिछले दौरों में उन्होंने राम मंदिर, रोजगार, गरीबी और सामाजिक एकता जैसे मुद्दों पर स्पष्ट विचार रखे थे।