जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश में मानसून की रफ्तार फिलहाल थमती नजर आ रही है। बीते सात दिनों से प्रदेश के किसी भी हिस्से में जोरदार बारिश देखने को नहीं मिली है, जिससे गर्मी और उमस का असर तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को प्रदेश के 10 से अधिक जिलों में अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया, और शुक्रवार को भी इसी तरह की स्थिति बनी रहने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल मौसम विभाग ने किसी भी क्षेत्र के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी नहीं की है।
मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक प्रदेश में औसतन 28.7 इंच वर्षा हो चुकी है, जो पूरे मानसून सीज़न की अनुमानित बारिश का लगभग 77% है। हालांकि जून और जुलाई में सक्रिय मानसूनी सिस्टमों की वजह से 37 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई थी। पूर्वी मध्य प्रदेश के जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभागों की स्थिति संतोषजनक मानी जा रही है, जबकि इंदौर और उज्जैन संभाग बारिश की कमी से जूझ रहे हैं। इंदौर संभाग के आठ में से पाँच जिलों में अब तक मात्र 13 इंच से भी कम बारिश दर्ज हुई है। केवल अलीराजपुर और झाबुआ ऐसे जिले हैं जहां 20 इंच से अधिक बारिश हुई है। वहीं ग्वालियर जिले में अब तक 35 इंच बारिश हो चुकी है और इसने अपना मानसूनी कोटा पूरा कर लिया है।
प्रदेश में सावन माह लगभग सूखा ही बीत गया, क्योंकि इस दौरान कोई नया मानसूनी सिस्टम सक्रिय नहीं हो पाया। फिलहाल भी मध्य प्रदेश के आसमान में तेज बारिश का कोई संकेत नहीं है। हल्की धूप और बादलों की आंशिक उपस्थिति बनी हुई है, लेकिन यह स्थिति अधिकतर जिलों में तापमान में वृद्धि और उमस की वजह बन रही है।
गुरुवार को पूरे प्रदेश में बारिश लगभग न के बराबर रही। सिर्फ सीधी जिले में 9 मिमी वर्षा दर्ज की गई, बाकी स्थानों पर मौसम शुष्क ही रहा। इसकी वजह से गर्मी का प्रभाव बढ़ गया है और तापमान में करीब 2-3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। अनुमान है कि आने वाले कुछ दिनों में तापमान में और इजाफा हो सकता है।
फिलहाल, मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में कोई बड़ा मानसूनी सिस्टम सक्रिय नहीं है। वर्तमान में मानसून ट्रफ केवल फिरोजपुर से लेकर पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है, लेकिन इसका असर मध्य भारत पर नगण्य है। यही वजह है कि बारिश की गतिविधियां रुक गई हैं।
हालांकि राहत की बात यह है कि 14 अगस्त के बाद एक नया सिस्टम सक्रिय होने की संभावना है, जिससे प्रदेश में दोबारा झमाझम बारिश की स्थिति बन सकती है। तब तक कुछ जिलों में हल्की गरज-चमक के साथ बौछारें गिर सकती हैं। मौसम विभाग ने शुक्रवार और शनिवार को भोपाल, विदिशा, सीहोर, नर्मदा पुरम, खंडवा, धार, उज्जैन, देवास, मंदसौर, नीमच, रतलाम, ग्वालियर, श्योपुर, सीधी, रीवा, सिंगरौली, सतना सहित कई जिलों में हल्की वर्षा की संभावना जताई है।
फिलहाल, प्रदेशवासियों को गर्मी और उमस से राहत के लिए थोड़ा और इंतज़ार करना होगा। जब तक नया सिस्टम प्रभावी नहीं होता, तब तक धूप और तपिश से सतर्क रहना ही बेहतर होगा।