मध्यप्रदेश में मानसूनी कहर: 5 दिन में पूरे प्रदेश पर छाया बादलों का साया, कई रास्ते बंद; नदी में युवक की मौत, ट्रैक्टर बहा — मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में मानसून ने आखिरकार पूरे प्रदेश को अपनी चपेट में ले लिया है। बीते 24 घंटों के भीतर राज्य के 30 से ज्यादा जिलों में जोरदार बारिश दर्ज की गई है, जिससे कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शुक्रवार को शिवपुरी में एक ट्रैक्टर उफनती पुलिया पार करते वक्त बह गया, हालांकि गनीमत रही कि ट्रैक्टर सवार चारों लोग बचा लिए गए। वहीं, धार जिले के मांडू में एक युवक की नदी में डूबने से मौत हो गई। ग्वालियर में तो सड़क ही धंस गई, जिससे आवाजाही पर असर पड़ा है।

अब पूरे मध्यप्रदेश में मानसून की एंट्री

पिछले 5 दिनों में ही मानसून ने प्रदेश के सभी 55 जिलों को कवर कर लिया है। शुक्रवार को भिंड और मऊगंज, जो अब तक मानसून से वंचित थे, वहां भी बारिश ने दस्तक दे दी। मौसम विभाग ने कहा कि प्रदेश में मानसून की औपचारिक एंट्री की सामान्य तिथि 15 जून होती है, लेकिन इस बार यह 1 दिन पहले ही पूरे प्रदेश में फैल गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष मानसून ने 21 जून को एमपी में प्रवेश किया था।

भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे के लिए पूर्वी मध्यप्रदेश के जिलों – सतना, मैहर, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली – में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में 4 से 8 इंच तक भारी बारिश होने की संभावना है। ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी, अशोकनगर, सागर, दमोह, टीकमगढ़ और पन्ना में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है। वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर सहित शेष जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है।

बीते 24 घंटे में कहां-कितनी बारिश

राज्य में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश गुना में ढाई इंच दर्ज की गई। इसके अलावा शिवपुरी में 1.8 इंच, टीकमगढ़ में 1.7 इंच, धार और उमरिया में 1-1 इंच बारिश हुई। भोपाल में हल्की बूंदाबांदी हुई जबकि इंदौर, जबलपुर, सीहोर, सतना, बालाघाट, दमोह, सीधी, सागर, रायसेन, मंडला, पन्ना, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सीहोर, निवाड़ी, रीवा समेत कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश होती रही।

बारिश की वजह – 3 सिस्टम सक्रिय

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, प्रदेश के ऊपर एक लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) बना हुआ है, जो वेस्ट टू ईस्ट ट्रफ लाइन के साथ मिलकर पूर्वी और उत्तरी हिस्से में तेज बारिश का कारण बन रहा है। इसके साथ-साथ एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक ट्रफ रेखा भी एक्टिव हैं, जिनकी वजह से प्रदेशभर में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हो रही है।

बारिश से जुड़ी घटनाएं

  • शिवपुरी के कुंअरपुर गांव में एक ट्रैक्टर उफनती पुलिया पार करते वक्त बह गया, लेकिन ग्रामीणों की मदद से उसमें सवार चार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

  • धार जिले के मांडू में खुद नदी में नहाने गया एक युवक डूब गया, जिससे मौके पर हड़कंप मच गया।

  • ग्वालियर में बारिश के चलते सड़क धंस गई, जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।

मानसून की धीमी शुरुआत और फिर रफ्तार

हालांकि देशभर में मानसून इस बार 8 दिन पहले ही केरल पहुंच गया था और महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ में भी यह समय से पहले एक्टिव हो गया था, लेकिन मध्यप्रदेश में इसकी एंट्री में देरी हुई। लगभग 15 दिनों तक यह महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में ही रुका रहा। इसके बाद 13-14 जून को इसकी गति बढ़ी और 5 दिनों के भीतर ही पूरे मध्यप्रदेश को कवर कर लिया।

अब जब मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो गया है, आगामी हफ्ता प्रदेश के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने, बेवजह यात्रा से बचने और जलभराव वाले क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

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