जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश इन दिनों एक बार फिर मानसूनी बारिश के भारी प्रकोप की चपेट में आ गया है। मौसम विभाग ने प्रदेश के आधे से ज्यादा हिस्से यानी 30 जिलों के लिए भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। चेतावनी दी गई है कि अगले 24 घंटों में कुछ इलाकों में ढाई से आठ इंच तक बारिश हो सकती है। यह चेतावनी भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर-चंबल, नर्मदापुरम और सागर संभाग के लिए विशेष रूप से गंभीर मानी जा रही है। वहीं, इंदौर और उज्जैन संभाग में फिलहाल हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
बता दें, मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक ने बताया कि इस बारिश की प्रमुख वजह तीन सिस्टम हैं — एक मानसून टर्फ मध्यप्रदेश के ऊपर से गुजर रही है, दूसरा टर्फ लाइन महाराष्ट्र की ओर है और तीसरा साइक्लोनिक सर्कुलेशन का दबाव भी सक्रिय है। इनकी संयुक्त सक्रियता से प्रदेश में आगामी चार दिन तक भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।
इन जिलों में है भारी खतरा
मंगलवार को अशोकनगर, शिवपुरी, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट जिलों में अति भारी बारिश की संभावना है, जहां आठ इंच तक पानी गिर सकता है। साथ ही श्योपुर, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, बैतूल, रायसेन, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, जबलपुर, मैहर, सतना, पन्ना और सीधी में भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
सोमवार को भी 24 जिलों में बरसात, पारा लुढ़का
बीते सोमवार को मध्यप्रदेश के 24 से ज्यादा जिलों में अच्छी बारिश दर्ज की गई। खजुराहो, नर्मदापुरम और छिंदवाड़ा में आधा इंच से ज्यादा पानी बरसा, जबकि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, जबलपुर सहित कई इलाकों में रुक-रुक कर तेज बौछारें पड़ीं। बारिश की वजह से प्रदेश के कई इलाकों में दिन के तापमान में भी तेज गिरावट दर्ज की गई। पचमढ़ी में पारा 23.2 डिग्री, सिवनी में 24.6, मलाजखंड में 25 और बैतूल में 25.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
एक दिन लेट आया मानसून, लेकिन तेजी से छा गया पूरे प्रदेश में
इस साल देश में मानसून समय से 8 दिन पहले आ गया था, लेकिन मध्यप्रदेश में इसका आगमन एक दिन देरी से हुआ। अनुमान था कि मानसून जून के पहले सप्ताह में आ जाएगा, लेकिन वह 15 दिन तक महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में ही ठहरा रहा। आखिरकार 13-14 जून को मानसून की एंट्री मध्यप्रदेश में हुई और तीन दिन में ही प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया। इसके अगले ही दिन बाकी दो जिले — भिंड और मऊगंज भी मानसून की जद में आ गए। तेज बारिश के चलते जहां खेतों को पानी मिल रहा है और जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है, वहीं कई जिलों में बाढ़ और जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है और जिला प्रशासन को आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं।