मध्यप्रदेश में वाहन स्क्रैपिंग पर नई नीति, कर में मिलेगी 50% तक की छूट; नगरीय निकाय चुनाव में फिर लौटेगी प्रत्यक्ष प्रणाली, मोहन सरकार की बैठक में हुए अहम फैसले!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इनमें प्रमुख निर्णय वाहन स्क्रैपिंग नीति और नगरीय निकाय चुनाव प्रणाली से जुड़े रहे।

पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग पर कर में बड़ी राहत

बैठक में तय किया गया कि यदि कोई वाहन स्वामी अपने पुराने प्रदूषणकारी वाहन (BS-I या BS-II श्रेणी) को स्क्रैप करता है और उसके बदले नया वाहन खरीदता है, तो उसे मोटरयान कर (Road Tax) में 50% की छूट दी जाएगी।

सरकार का यह निर्णय उन सभी वाहनों पर लागू होगा—

  • BS-I मानक और उससे पहले के इंजन वाले वाहन

  • BS-II मानक वाले मध्यम और भारी मालवाहक तथा यात्री वाहन

इस छूट का लाभ सिर्फ उन्हीं वाहनों को मिलेगा, जिन्हें स्क्रैपिंग के बाद पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (RVSF) से “Certificate of Deposit” जारी किया गया हो।

क्या है ‘Certificate of Deposit’?

  • जब कोई वाहन स्क्रैपिंग केंद्र पर जमा किया जाएगा तो वाहन मालिक को एक “Certificate of Deposit” दिया जाएगा।

  • यह सर्टिफिकेट नया वाहन खरीदते समय रोड टैक्स में छूट पाने का एकमात्र आधार होगा।

  • इसकी वैधता जारी होने की तारीख से 3 साल तक रहेगी।

  • यह इलेक्ट्रॉनिक रूप से हस्तांतरण योग्य होगा और एक बार उपयोग हो जाने पर उसे डेटाबेस में “रद्द” के रूप में दर्ज कर दिया जाएगा।

छूट की शर्तें

  • नया वाहन उसी श्रेणी का होना चाहिए, जिस श्रेणी का वाहन स्क्रैप किया गया है।

  • छूट सिर्फ मध्यप्रदेश में पंजीकृत RVSF द्वारा जारी सर्टिफिकेट पर ही मिलेगी।

  • यदि वाहन पर जीवनकाल कर जमा है तो 50% की एकमुश्त छूट मिलेगी।

  • वहीं, मासिक/त्रैमासिक/वार्षिक कर देने वाले वाहनों को अगले 8 साल तक 50% की छूट का लाभ मिलेगा।

वित्तीय असर और लाभ

सरकार के मुताबिक, प्रदेश में वर्तमान में लगभग 99 हजार BS-I और BS-II श्रेणी के वाहन चलन में हैं। इन पर कर छूट देने से राज्य पर करीब 100 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा स्क्रैपिंग नीति को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश को 200 करोड़ रुपये की विशेष सहायता प्रदान की जाएगी।

साल 2024-25 में अब तक 1563 नए वाहनों के पंजीकरण पर लगभग 17.05 करोड़ रुपये की कर छूट दी जा चुकी है।

नगरीय निकाय चुनाव में फिर प्रत्यक्ष प्रणाली

बैठक में लिया गया एक और बड़ा निर्णय नगरीय निकाय चुनाव से जुड़ा रहा। मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश 2025 लाने की स्वीकृति दी है। इसके तहत नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों का चुनाव अब फिर से प्रत्यक्ष प्रणाली से जनता के द्वारा सीधे मतदान से होगा।

चुनाव प्रणाली का सफर

  • वर्ष 1999 से 2014 तक अध्यक्ष पद का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से जनता द्वारा किया जाता था।

  • कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2019 में चुनाव नहीं हो सके।

  • वर्ष 2022 के नगरीय निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद का निर्वाचन अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराया गया।

  • अब 2027 में होने वाले चुनावों के लिए फिर से प्रत्यक्ष प्रणाली लागू की जाएगी।

सरकार का मानना है कि प्रत्यक्ष चुनाव से लोकतंत्र अधिक मजबूत होगा और जनता को अपने नगर निगम व नगर परिषद अध्यक्ष चुनने का सीधा अधिकार मिलेगा।

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