जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के मोतिहारी में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित किया, जो कई मायनों में ऐतिहासिक और चौंकाने वाला रहा। अपने 33 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने जहां पूर्वी भारत की भावी ताकत और संभावनाओं को लेकर बड़ा विजन पेश किया, वहीं बिहार की राजनीति में ‘बदले की भावना’ से किए गए विकास की अनदेखी पर भी तीखा हमला बोला। मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उपमुख्यमंत्री भी मौजूद थे, लेकिन असल संदेश पीएम मोदी का था— “अब पूर्वी भारत की बारी है, अब बिहार चमकेगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने सभा की शुरुआत पूर्वी भारत की ताकत की तुलना दुनिया में पूर्वी देशों के बढ़ते प्रभाव से करते हुए की। उन्होंने कहा, “जैसे दुनिया में पूर्व के देशों का प्रभाव बढ़ रहा है, वैसे ही अब भारत में पूर्वी राज्यों का युग आ चुका है। हमारा संकल्प है कि आने वाले समय में मोतिहारी का नाम भी मुंबई की तरह लिया जाएगा। जैसे अवसर गुरुग्राम में हैं, वैसे ही गयाजी में बनेंगे। पुणे की तरह पटना होगा।”
लेकिन असली शॉकिंग मोड़ आया जब प्रधानमंत्री ने ‘बदले की राजनीति’ की परतें खोलनी शुरू कीं। उन्होंने साफ कहा कि जब कांग्रेस और RJD की सरकार थी, तब UPA के 10 साल में बिहार को सिर्फ 2 लाख करोड़ रुपए मिले। ये नीतीश कुमार की सरकार से बदला लेने की राजनीति थी, बिहार से बदला लिया जा रहा था। 2014 के बाद, जब उन्हें केंद्र में सेवा करने का मौका मिला, तब उन्होंने इस ‘बदले की राजनीति’ को खत्म किया और बिहार को आगे बढ़ाने की दिशा में नई शुरुआत की।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की याद दिलाते हुए उन्होंने बिहार के संकल्प और सामर्थ्य पर भरोसा जताया। उन्होंने बताया कि कैसे गरीबों के लिए 4 करोड़ से ज्यादा घर बनाए गए, जिनमें से करीब 7 लाख सिर्फ बिहार में हैं। “दुनिया के कुछ देशों की जितनी आबादी है, उतने लोगों को हमने सिर्फ बिहार में पक्का घर दिया है।”
यही नहीं, पीएम मोदी ने नीतीश कुमार को “मित्र” बताते हुए उनकी सरकार की उपलब्धियों को भी मंच से सराहा। वृद्ध, विधवा और दिव्यांग पेंशन को 400 से 1100 रुपए करना, 20 लाख से ज्यादा ‘लखपति दीदी’ तैयार करना और युवाओं को नौकरी देना— इन सबकी तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने ये संकेत भी दिए कि बिहार की मौजूदा सरकार केंद्र के साथ मिलकर राज्य के लिए नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रही है।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने सबसे बड़ी और नई घोषणा की— पहली प्राइवेट नौकरी करने वाले युवाओं को केंद्र सरकार देगी 15,000 रुपए का इंसेंटिव। यह घोषणा 1.07 लाख करोड़ रुपए की ‘एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI)’ योजना के तहत की गई। उन्होंने कहा कि यह योजना 1 अगस्त 2025 से लागू होगी और अगले दो सालों में 3.5 करोड़ नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य है। खास बात यह है कि सिर्फ नौकरी पाने वाला ही नहीं, बल्कि नौकरी देने वाली कंपनी को भी हर नियुक्ति पर 3,000 रुपए मिलेंगे।
सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि यह स्कीम युवाओं के साथ-साथ MSMEs, टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को भी मजबूत बनाएगी। यह योजना उन युवाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है जो पहली बार नौकरी कर रहे हैं और EPFO में रजिस्टर्ड हैं।
इस जनसभा की शुरुआत भी किसी फिल्मी सीन से कम नहीं थी। प्रधानमंत्री मोदी खुली गाड़ी में मंच तक पहुंचे, उनके ऊपर फूलों की वर्षा होती रही, लोग “मोदी-मोदी” और “भारत माता की जय” के नारे लगाते रहे। मंच से उतरते वक्त उन्होंने 7196 करोड़ रुपए की 50 से ज्यादा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने 4 अमृत भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिनमें एक मोतिहारी से दिल्ली के बीच चलेगी। रेलवे के मोर्चे पर भी कई बड़ी घोषणाएं हुईं— समस्तीपुर-बछवाड़ा रेल खंड पर ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सुविधा, दरभंगा-समस्तीपुर रेल लाइन का दोहरीकरण, जो पूरे क्षेत्र की ट्रेन सेवाओं की रफ्तार और भरोसे को बढ़ाएगा।
यह पीएम मोदी का 2025 में बिहार का पांचवां दौरा था और उन्होंने ये साफ कर दिया कि आने वाले समय में बिहार न सिर्फ राजनीतिक बल्कि विकास के मानचित्र पर भी चमकने वाला है।