“वन नेशन, वन इलेक्शन”: क्या भारत में एक साथ होंगे लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव? केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़ा बयान, कहा – ये सरकार की नहीं, बल्कि ये देश की जनता की इच्छा है

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

इस वक्त देश में “एक देश, एक चुनाव” की चर्चा जोरों पर है। दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 129वें संविधान संशोधन बिल को लोकसभा के पटल पर पेश किया। इस बिल के जरिए भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने का प्रस्ताव रखा गया है। हालांकि, बिल पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने आपत्ति जताई, लेकिन इसके बावजूद इसे पेश करने के लिए वोटिंग कराई गई। इस वोटिंग में 269 वोट बिल के पक्ष में पड़े, जबकि 198 वोट विपक्ष में आए। ज्यादा वोटों के साथ यह बिल लोकसभा में पेश किया गया और इसे सदन में मंजूरी मिल गई।

इसी के साथ केंद्र सरकार के “एक राष्ट्र, एक चुनाव” के प्रस्ताव को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि यह सरकार का नहीं, बल्कि देश की जनता की इच्छा है। उन्होंने कहा, “आपको और हमें कितनी बार इस बात का सामना करना पड़ता है कि हर महीने कहीं न कहीं चुनाव होता है, हर महीने कहीं न कहीं आचार संहिता लागू होती है। लोगों की यह आशा है कि इस पैसे की बर्बादी को रोका जाए।”

उन्होंने आगे कहा कि “प्रधानमंत्री देश की जनता की आशाओं और आकांक्षाओं को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं। चाहे धारा 370 हटाने का मामला हो, चाहे ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ का मामला हो, चाहे संसद में महिला आरक्षण का मामला हो या फिर ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का मामला हो। प्रधानमंत्री ऐसी नींव रख रहे हैं कि आने वाली कई पीढ़ियां इस कार्यकाल को याद रखेंगी। देश को एक मोड़ से तेजी से आगे ले जाने की विचारधारा पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण बनी रहेगी।”

केंद्रीय मंत्री सिंधिया के इस बयान से ये तो साफ हो गया है कि वे इस बदलाव को सिर्फ सरकार के लिए नहीं, बल्कि देश के विकास और जनता के हित में महत्वपूर्ण मानते हैं। उनका मानना है कि “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की प्रक्रिया से चुनावी खर्च में कमी आएगी और संसाधनों का सही इस्तेमाल किया जा सकेगा।

बता दें, “वन नेशन, वन इलेक्शन” (One Nation, One Election) विधेयक एक महत्वपूर्ण राजनीतिक सुधार की दिशा में प्रस्तावित कदम है, जिसका उद्देश्य भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ, एक ही समय में कराना है। वर्तमान में भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं, जिससे राजनीतिक दलों को बार-बार चुनावों का सामना करना पड़ता है, और चुनाव आयोग को भी लगातार चुनावों की तैयारी करनी पड़ती है।

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