जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
ईरान-इजराइल संघर्ष के बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए जो ऑपरेशन सिंधु चलाया है, वह अब तक एक मानवीय मिशन की मिसाल बन चुका है। इस ऑपरेशन के तहत अब तक कुल 1,117 भारतीयों को ईरान से सकुशल स्वदेश लाया जा चुका है। शनिवार रात 11:30 बजे एक और चार्टर फ्लाइट ईरान के मशहद से 290 भारतीयों को लेकर दिल्ली पहुंची, जबकि शाम 4:30 बजे पहले ही 310 नागरिकों का जत्था राजधानी पहुंच चुका था।
इससे पहले, 20 जून की रात दो बैच में 407 भारतीयों की वापसी हुई थी। पहली फ्लाइट रात 10:30 बजे दिल्ली पहुंची, जिसमें 190 कश्मीरी छात्रों समेत 290 यात्री सवार थे। इनमें दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के लोग भी शामिल थे। दूसरी फ्लाइट 3 बजे रात में उतरी, जिसमें 117 भारतीय नागरिक थे। एक दिन पहले, यानी 19 जून को 110 छात्र आर्मेनिया और दोहा के रास्ते भारत पहुंचे थे। जैसे ही ये यात्री एयरपोर्ट पर उतरे, ‘वन्दे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों से वातावरण गूंज उठा। कुछ भावुक यात्री भारत की धरती पर सजदा करते हुए नजर आए, तो कई की आंखों में आंसू छलक आए।
भारत लौटे यात्रियों की आंखों में राहत और जुबां पर शुक्रिया था। प्रयागराज की अलमास रिजवी ने बताया कि ईरान में उन्हें एक सुरक्षित होटल में ठहराया गया था, समय पर भोजन, मेडिकल सहायता और अन्य ज़रूरतें पूरी की गईं। उन्होंने कहा, “हमें यह महसूस नहीं होने दिया गया कि हम युद्ध जैसे हालात में थे।” वहीं कश्मीर के मोहम्मद अशफाक, उस्ताक और सैयद निहाल हैदर ने भी भारत सरकार और दूतावास का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “ऐसे कठिन समय में सरकार की मौजूदगी और प्रबंधन ने हमें हिम्मत दी।”
ईरान की राजधानी तेहरान से छात्रों को मशहद लाया गया और फिर वहां से भारत की ओर चार्टर फ्लाइट्स चलाई गईं। ईरानी एयरस्पेस पर लगी पाबंदियों को हटाने के बाद भारत को यह राहत मिली। भारत सरकार के अनुरोध पर ईरानी अधिकारियों ने हवाई अनुमति दी, जिसके बाद माहान एयरलाइन की मदद से तीन फ्लाइट्स चलाई गईं। मिशन के उप प्रमुख मोहम्मद जवाद हुसैनी ने संकेत दिया है कि जरूरत पड़ी तो आने वाले दिनों में और फ्लाइट्स भी चलाई जाएंगी।